धू-धू जल रहे पच्छाद के जंगल

By: May 24th, 2018 12:05 am

सराहां —भीषण आगजनी के चलते समूचे पच्छाद क्षेत्र के जंगल धू-धू कर जल रहे है। सैकड़ों हेक्टेयर सरकारी व गैर सरकारी जंगल व भूमि आग की भेंट चढ़ गए है। नुकसान के आकलन की बात की जाए तो अभी यह तय कर पाना सभी के लिए मुश्किल साबित हो रहा है, क्योंकि पिछले तीन चार दिनों से यह आग का तांडव जस का तस निरंतर चल रहा है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार दर्जनों गांव मे यह आग दस्तक दें चुकी है, जिसमें लोगों के खेतों में लगी फसलें भी इस भीषण आग की चपेट में आ गई है। लोगों की घासनियों के साथ-साथ खेतों मे रखी पशुचारे के लिए सूखी घास जलकर स्वाह हो चुकी है। पच्छाद के राजगढ़ क्षेत्र के बडू साहब समेत ओच्छघाट से सटा नारग, मलहौटी, डिलमन, नैनाटिक्कर, आंजी, पानवां, चरानीघाट, भुरेश्वर महादेव मंदिर की पहाडि़यों, धरयार, कथाड़, टिक्करी पजेली, चतौर, घिन्नीघाड़ क्षेत्र के बंबयार, ढंगयार आदि के जंगलों में आगजनी से करोड़ों का नुकसान हो चुका है। टिक्करी पजेली गांव के निवासी विवेक शर्मा समेत कई ग्रामवासियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी भयंकर है कि देखते ही देखते उनके खेतों में लगी अदरक, अरबी समेत टमाटर की फसलें भी झूलस गई है। नैनाटिक्कर में एक मकान आग की चपेट में आ गया है, हालांकि उस पर काबू पा लिया गया है। उनका कहना है कि इस आग से एक मवेशी के जलकर मौत हो चुकी है, वही यहां बिरोजा निकालने आए कर्मियों की चुंगी भी आग की भेंट चढ़ गई है। एसडीएम राजगढ़ नरेश वर्मा ने आगजनी की वारदातों को रोकने के लिए लोगों से आग्रह किया है कि वह एसी कोई ज्वलनशील वस्तु बीड़ी सिगरेट जंगल व आसपास न फेंके जिससे आगजनी फैले। उन्होंने आग से हुए नुकसान पर कहा कि इसके लिए तहसीलदार को निर्देश दिए गए है कि वह लोगों के हुए नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट भेजे ताकि उसे जिलाधीश कार्यालय कार्रवाई हेतु भेजा जा सके। साथ ही उन्होंने वन विभाग को भी आदेश दिए है कि वह आगजनी से हुए नुकसान की रिपोर्ट भेजे।

चीड़ की सूखी पत्तियां बढ़ा रही दिक्कत

समय रहते अगर विभाग द्वारा रास्तों और सड़क के किनारे दो से तीन इंच सूखी चीड़ की पत्तियों की परत को हटा लिया जाता तो शायद इतनी भीषण आग नहीं लग पाती। वहीं वन विभाग के पास सुविधाओं का अभाव भी बड़ा कारण माना जा रहा है।  मंडल राजगढ़ की बात की जाए तो केवल एक ही लीफ  ब्लोअर है जो कि इतने बड़े क्षेत्र के लिए काफी कम है। मंडल में जहां पांच लीफ  ब्लॉर की जरूरत है वहां अभी केवल एक ही है।

क्या कहते है डीएफओ राजगढ़

डीएफओ राजगढ़ मृत्युंजय मादव का कहना है कि भीषण गर्मी में आगजनी की घटनाएं बहुत हो रही है उन्होंने कहा कि जंगल तभी बच सकते है जब आम लोगों का उन्हें सहयोग मिलेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह  कोई बीड़ी-सिगरेट जली हुई जंगल न फेंके ,साथ ही उन्होंने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे अपने खेतों में झाडि़यों को गर्मी के सीजन में न जलाएं। उन्होंने बताया कि नैनाटिक्कर के पास से एक व्यक्ति को जंगल में आग लगाते रगें हाथों पकड़ा है, जिसे पच्छाद पुलिस के सपूर्द किया गया।

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