नशे ने जकड़े कालाअंब के नौजवान

प्रतिबंध के बावजूद दुकानों में सरेआम बिक रहा खैनी-गुटखा

कालाअंब – औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में युवा पीढ़ी दिन-प्रतिदिन नशे की गिरफ्त में पड़ती जा रही है। भले ही प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा नशीले पदार्थों व तंबाकू आदि बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है बावजूद इसके कालाअंब की अधिकतर दुकानों पर नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से गुटखा, खैनी और सिगरेट आदि को सरेआम बेचा जा रहा है। भले ही विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पूरे जिला भर में रैलियां निकालकर लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाता है, परंतु औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में फिर भी सरेआम कोटपा के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हरियाणा राज्य की सीमा पर स्थित होने के चलते कालाअंब में गुटखा, खैनी और तंबाकू की खेप आसानी से पहुंच जाती है। स्थानीय दुकानदारों द्वारा इन चीजों को दोगुने दामों में बेचकर, जहां खूब चांदी कूटी जा रही है, वहीं दूसरी ओर इन चीजों को बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ सीधेतौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि कालाअंब के उद्योगों में काम करने वाले अधिकतर युवा दिलबाग, राजदरबार, पराग, उड़ता पंछी आदि गुटखा और खैनी को खाते हुए नजर आते हैं जो सीधेतौर पर कैंसर जैसी घातक बीमारियों को न्योता दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक गुटखा और खैनी खाने से मुंह का कैंसर हो सकता है। गुटखा, खैरी, तंबाकू और सिगरेट आदि चीजों का सेवन करके, जहां लोग अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, वहीं औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब को गंदा करने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि कालाअंब की सड़कों, उद्योगों व बस स्टॉप पर जगह-जगह गुटखे के थूकने के निशान, बीड़ी और सिगरेट के टोटे पड़े रहते हैं, जिसकी बजह से चारों ओर गंदगी पड़ी रहती है। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इनमें से कई महिला कामगार भी गुटखा और खैनी का सेवन करती नजर आती हैं। क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग ने जिला प्रशासन व पुलिस से मांग की है कि कालाअंब में अवैध नशीले पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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