नौहंगी पंचायत के प्रधान की गई कुर्सी

सरकारी जमीन पर कब्जे के चलते एसडीएम ने चुनाव को किया अवैध घोषित

नादौन  – ग्राम पंचायत नौहंगी के प्रधान का चुनाव अवैध घोषित किया गया है। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा होने के बाद एसडीएम नादौन ने फैसला दिया। उन्होंने नौहंगी पंचायत के प्रधान हंसराज स्याल के चुनाव के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाया है। सूरम सिंह ने याचिका दायर कर कहा था कि हंसराज ने चुनाव के दौरान गलत हल्फनामा पेश किया है। याचिकाकर्ता नौंहगी पंचायत के कुठियाणा गांव के सूरम सिंह ने बताया कि हंसराज ने पांच जनवरी, 2016 को हुए पंचायत चुनाव में गलत हल्फनामा चुनाव आयोग को दिया था, इसमें कहा गया था कि इसका सरकारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं है। हंसराज के पिता के नाम पटवारघर दंगड़ी के गांव कुठियाणा में खसरा नंबर 305 व 336/2 रकवा 876 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा था। सूरम सिंह की चुनावी याचिका की पैरवी करने वाले एडवोकेट रोहित शर्मा ने बताया कि नौहंगी पंचायत के प्रधान हंसराज के पिता ज्ञान चंद के नाम न केवल सरकारी भूमि पर कब्जा था, अपितु सरकारी भूमि पर कब्जे को नियमित करने के लिए वर्ष 2005 में राजस्व विभाग को हल्फनामा भी दिया था। हंसराज ने अवैध कब्जे के बारे में गलत हल्फनामा भी चुनाव आयोग को दिया था। इस गलत हल्फनामे की वजह उसने आयोग्य होते हुए भी चुनाव लड़ा। उन्होंने बताया कि  अदालत ने सूरम सिंह की चुनावी याचिका को स्वीकार करते हुए नौंहगी पंचायत प्रधान हंसराज के चुनाव को अवैध करार दिया है। हंसराज स्याल के पांच भाई हैं, जिन्हें पिता की जमीन व हक-हकूक मिले हैं। काबिलेगौर है कि हंस राज स्याल, महेश काका व भगवान दास ने पांच जनवरी, 2016 को प्रधान पद का चुनाव लड़ा था।

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