परमिशन 65 की, लगा दिए 650 टैंट

धर्मशाला के त्रियूंड में बिना रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से लग रहे तंबू, ग्रीन एरिया में धूल

धर्मशाला –पर्यटन नगरी धर्मशाला-मकलोडगंज के विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग साइट को चलाने का जिम्मा संभाल रही ईको टूरिज्म सोसायटी ने एक समय में मात्र 65 टैंट लगाने की परमिशन प्रदान की गई है। त्रियूंड ट्रैकिंग साइट में बिना परमिशन के अवैध रूप से एक ही समय में 650 से भी अधिक टैंट लगाए जा रहे हैं। त्रियूंड में बिना रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से लग रहे टैंटों के कारण ग्रीन एरिया को धूल-मिट्टी भरा क्षेत्र बना दिया गया है। इतना ही नहीं, प्रकृति का आनंद लेने के लिए देश-विदेश से पहुंचने वाले पर्यटकों को ट्रैकिंग साइट में अब मात्र दाड़ी मेले की तर्ज पर तंबू का बाजार देखने को मिल रहा है। सोसायटी द्वारा एक दर्जन से अधिक ट्रैकरों को पांच-पांच टेंट लगाने की अनुमति प्रदान की गई है, लेकिन सैकड़ों टैंट रात के अंधेरे में गुपचुप तरीके से ही लगाकर अब खूब अवैध कारोबार किया जा रहा है। इससे ईको टूरिज्म सोसायटी के माध्यम से प्रदेश सरकार को भी मोटा चूना लग रहा है। वहीं कारोबारियों द्वारा मनमर्जी से लगाए जाने वाले टैंट से पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। इसके कारण देश-विदेश से आने वाले हजारों पर्यटकों को भी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग साइट त्रियूंड को गर्मियों के सीजन में जाने वाले पर्यटकों की संख्या 1500 से दो हजार प्रतिदिन पहुंच गई है। वीकेंड के दौरान इससे भी अधिक संख्या में पर्यटक एक साथ त्रियूंड में ट्रैकिंग करने के लिए पहुंच रहे हैं। छह किलोमीटर लंबे ट्रैक में ट्रैकिंग करते हुए देश-विदेश से पर्यटक त्रियूंड पहुंच रहा है। वहीं कारोबारियों का मोटी कमाई करने का खेल शुरू हो जा रहा है। फोरेस्ट विभाग के नियमों के तहत मात्र पांच टैंट लगाकर 200 रुपए प्राप्त करने का प्रावधान रखा गया है, जबकि इसके बाद अंधेरा होने पर धड़ाधड़ से अवैध टैंट लगने शुरू हो जाते हैं, जिसके बाद अंधेरा होने तक ट्रैकिंग साइट में पांव रखने तक की जगह नजर नहीं आती है। शाम के समय चलने वाले अवैध कारोबार में पर्यटकों से 500, एक हजार और दो हजार रुपए तक टैंट में रात बिताने के लिए वसूल किए जा रहे हैं।

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