सातवें दिन भी पानी न मिलने से भड़के लोग, सीएम से मिलने की जिद्द
उपमहापौर नहीं दे रहे कोई प्रतिक्रिया
पूर्व पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि शहर में पेयजल किल्लत चल रही है, मगर इस पर नगर निगम आयुक्त और उपमहापौर की कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। इस संकट के समय में महापौर शहर में नहीं है।
पुलिस और लोगों में धक्का-मुक्की
पानी की मांग को लेकर नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए सैकड़ों लोग रात को करीब सवा 12 बजे रिज मैदान, मोलरोड से होते हुए ओकओवर की ओर बढ़ने लगे। रात को सीएम आवास जा रहे लोगों को पुलिस ने बैरिकेटिंग मरीना होटल के समीप करीब 12.30 पर रोक दिया। बताया जा रहा कि इस भीड़ में आगे-आगे महिलाएं और बच्चे थे। इस दौरान जब पुलिस ने उनको रोक दिया तो लोगों ने इसका विरोध किया और धक्का-मुक्की करने लगे। इस तरह दोनों पक्षों में खूब धक्का-मुक्की हुई। पार्षद सुषमा कुठियाला का कहना है कि पुरुष जवानों ने महिलाओं के साथ धक्का मुक्की की। उनका आरोप है कि पुलिस उनसे ऐसा बर्ताव कर रही थी कि जैसे कि उन्होंने कोई संगीन जुर्म किया हो, जबकि वे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखने जा रहे थे। यही नहीं उनका आरोप है कि सदर थाना और छोटा शिमला थाना के एसएचओ ने भी उनको धक्के मारे। हंगामा देख रात को एडिशनल एसपी प्रवीर ठाकुर, डीएसपी प्रमोद शुक्ला, एडीएम लॉ एंड आर्डर, एसडीएम शहरी मौके पर पहुंचे। लोगों ने एडीएम और एसडीएम का घेराव किया।
पानी को नारेबाजी, 50 पर पुलिस केस
शिमला शहर में आधी रात को पानी को लेकर हुए हंगामे के दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने पर कांग्रेस के नेता व पूर्व पार्षद संजीव कुठियाला सहित करीब 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ओकओवर के समीप रोकने पर पुलिस के साथ लोगों ने खूब धक्का-मुक्की की। पुलिस के अनुसार पूर्व पार्षद संजीव कुठियाला, उनकी पत्नी व बेटे सहित अन्य लोगों ने मौके पर मौजूद छोटा शिमला के थाना प्रभारी प्रवीण ठाकुर के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। थाना प्रभारी की शिकायत पर कुठियाला सहित अन्य के खिलाफ छोटा शिमला थाने में आईपीसी की धाराओं 332 व 353 के तहत केस दर्ज किया गया है।