पेंशन के लिए जाएंगे कोर्ट

कृषि विश्वविद्यालय पूर्व कर्मियों ने हक पाने को लिया फैसला

पालमपुर— हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पेंशनर संघ ने कुछ मामलों को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है। पेंशनर संघ ने कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी व ढीली कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। मेडिकल  रिइम्बर्समेंट के मामले में पिक एंड चूज़ की पालिसी को लेकर प्रभावित पेंशनर खफा हैं। बुधवार को हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पेंशनर्ज संघ की बैठक अध्यक्ष डा. सुशील फुल्ल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें निर्णय  लिया गया कि लंबित मामलों के संबंध में प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई जाएगी, क्योंकि कुछ मामलों में कृषि विश्वविद्यालय प्रबंधन मनमानी का रवैया अपनाए हुए है। मेडिकल रिइम्बर्समेंट को लेकर भी इस बैठक में कई सवाल उठाए गए। मेडिकल बिलों का निपटान न होने पर संघ के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया है। संघ ने आरोप लगाया कि रिटायरल बेनेफिट्स में कृषि विश्वविद्यालय कम्युटेशन नहीं दे रहा है। मेडिकल रिइम्बर्समेंट कम्युटेशन तथा पांच, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि के लिए याचिकाएं डालने के अतिरिक्त संघ के पास और कोई चारा नहीं है। संघ के अनुसार 2006 से पूर्व रिटायर प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों को रिवाइज लाभ सरकारी आदेशों के अनुसार 2013 से प्रदान कर दिए गए, लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कर्मचारियों को यह लाभ सन 2017 में दिए गए। संघ के अनुसार इन आदेशों को लागू करवाने के लिए याचिका पहले ही कोर्ट में   लगा दी गई है। कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री एवं  राज्यपाल से भी इस मामले को लेकर गुहार लगाई है  कि पेंशनर्ज को लाभ उन्हें सरकारी कर्मचारियों के साथ ही समय पर उपलब्ध करवाए जाने चाहिएं। इस बैठक में संघ के अध्यक्ष सुशील फुल्ल के अतिरिक्त ध्रुव चंद मनकोटिया, पीसी शर्मा, आरएस राणा, भीम सिंह व चतुर सिंह आदि सदस्यों ने भाग लिया।

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