बाबा कैलू मंदिर…80 क्विंटल लगे चावल

 ठाकुरद्वारा  —तहसील इंदौरा के गांव ठाकुरद्वारा में स्थित आस्था का प्रतीक बाबा कैलू मंदिर में मंगलवार को वार्षिक भंडारे और मेले का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया गया। ज्ञात रहे कि यह भंडारा जिला कांगड़ा व ठाकुरद्वारा के साथ लगते पंजाब, हिमाचल क्षेत्र का सबसे बड़ा भंडारा माना जाता है। इस भंडारे में हजारों की संख्या में भक्त बाबा के चरणों के नतमस्तक होते हैं और मेले और भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं। भंडारे के सफल आयोजन को लेकर 14 मई को देर रात  12 बजे से ही भंडारे में परोसने वाले व्यंजनों को बनाना शुरू कर दिया गया था। मंगलवार को सुबह छह बजे रामायण पाठ के भोग और हवन आदि  डालने  के बाद सुबह  सात बजे से दरबार में आने-जाने वाली संगतों के लिए   लंगर शुरू कर दिया गया। मंदिर को जाने वाले रास्ते और मंदिर को पूरी तरह से सजाया गया था। मंदिर के रास्ते में गांव के युवकों भक्तों के लिए जगह-जगह ठंडे पानी की छबीले लगाई हुई थी। इस भंडारे में अनुमानित  80 क्विंटल से ऊपर चावल लंगर हेतु पकाए गए थे। बाबा जी की कृपा से यह संख्या हर वर्ष बढ़ती ही जा रही है। दिन में पंजाब के फगबाड़ा से आए महंतों की पार्टी ने भक्तों को अपनी कलाकारी से खूब मनोरंजन किया। इसके उपरांत भंडारे में पंडोरी धाम गुरदासपुर के गद्दीनसीन महाराज ने भी मुख्य तौर पर शिरकत की और अपनी मधुर वाणी और  सत्संग के द्वारा आई हुई संगत को निहाल किया। कमेटी के अध्यक्ष एवं ठाकुरद्वारा पंचायत के पूर्व प्रधान राणा प्रताप सिंह ने बताया कि यह भंडारा कई सालों से करवाया जा रहा है। अगर मंदिर की आस्था के बारे में बोला जाए, तो कैलू बाबा मंदिर में सच्चे मन से माथा टेकने से पुराने से पुराने चरम रोग दूर हो जाते हैं। रोग ठीक हो जाने पर मंदिर में एक झाड़ू और नमक की थैली चढ़ाई जाती है। मंदिर में कुछ ही दूरी पर स्थित एक ऐतिहासिक पुराना कुआं है, उसमें भी रोगियों द्वारा नमक डालने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने क्षेत्रवासियों का भंडारे को सफल बनाने में सहयोग देने को उनका धन्यवाद किया।

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