बिना सुरक्षा क्यों भेज दी अफसर

अवैध निर्माण गिराने की इतनी बड़ी कार्रवाई में बिन हथियारों के थे पुलिस कर्मी

सोलन— टीसीपी अधिकारी शैल बाला शर्मा की हत्या ने सरकारी सुरक्षा तंत्र पर सवालिया निशान लगा दिया है। बिना सुरक्षा कर्मियों के ही अधिकारी को मंडोधार स्थित होटल के अवैध निर्माण को हटाने के लिए भेज दिया गया। यदि मौके  पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो टीसीपी अधिकारी गोली का शिकार नहीं होती। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार  मंगलवार को करीब 12 बजे मंडोधार में अवैध निर्माण को तोड़ने का कार्य शुरू किया गया। होटल शिवालिक व होटल नारायणी बिलकुल एक साथ हैं। इन दोनों होटलों में अवैध निर्माण तोड़ने का एक  ही समय पर शुरू हुआ।  दोपहर करीब 2:15 पर होटल शिवालिक में अवैध निर्माण को तोड़ने का कार्य चल रहा तथा इसी दौरान सभी पुलिस कर्मी व प्रशासन के अन्य अधिकारी भी वहां पर मौजूद थे। टीसीपी अधिकारी शैल बाला शर्मा कुछ कर्मचारियों के साथ होटल नारायणी के बाहर पहुंच गई। अचानक से विजय ठाकुर नाम  का एक शख्स मौके पर पहुंचा और बातचीत के बाद अधिकारी पर पिस्तौल तान दी। एक गोली शैल बाला शर्मा के मुंह पर चली और दूसरी गोली सीने पर, जिससे अधिकारी की मौके पर ही मौत हो गई। तीसरी गोली लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी को लगी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान हथिहारों से लैस पुलिस कर्मी मौके पर नहीं थे। शैल बाला सोलन शहर के चंबाघाट क्षेत्र में रहती थी। उनके पति मशरूम निदेशालय चंबाघाट में अधिकारी हैं। शैला बाला शर्मा के पास एक बेटा है, जो के पेशे से डाक्टर है।

दूसरे अधिकारियों में खौफ

अवैध निर्माण को तोड़ने का मंगलवार को पहला दिन था। टीसीपी अधिकारी की मौत के अन्य अधिकारियों में भी खौफ पैदा हो गया है। अधिकारियों को अपनी जान की चिंता सताने लगी है। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती कि इस प्रकार की घटना अब फिर से नहीं होगी।

लदरौर से थी लेडी अफसर

कसौली में गोली की शिकार महिला अधिकारी हमीरपुर के गांव लदरौर की रहने वाली थीं। घटना के बाद उनके पैतृक गांव में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि बहसबाज़ी के दौरान विजय  ठाकुर ने जिला प्रशासन और पुलिस के समक्ष आत्महत्या की धमकी भी दी थी। तत्पश्चात डीएसपी परवाणू ने उसे गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन पुलिसकर्मियों ने इसे हल्के में लिया।

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