बिलासपुर का शहीद स्मारक होगा हाईटेक

बिलासपुर — हरियाणा के बाद बिलासपुर मुख्यालय में बनने जा रहा शहीद स्मारक आकर्षक एवं हाईटेक होगा। यहां निर्मित होने वाले शहीद स्मारक में विभिन्न आकर्षक चीजों के अतिरिक्त लाइट एंड साउंड शो की व्यवस्था रहेगी, जिसमें कम्प्यूटर लाइब्रेरी संग शहीदों की शौर्य गाथाएं प्रदर्शित व प्रसारित की जाएंगी। इसका शिलान्यास वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया जाएगा। राज्य सरकार की फाइनल अप्रूवल के बाद डिजाइन के आधार पर अगला प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। खास बात यह है कि प्रदेश में दो शहीद स्मारक निर्मित करने की योजना है, जिसके प्रथम चरण में जिला बिलासपुर के चंगर स्थित शहीद स्मारक तथा दूसरा स्मारक जिला कुल्लू में निर्मित किया जाएगा, जिसकी दस्तावेजी कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है। बिलासपुर के जिलाधीश विवेक भाटिया ने बताया कि बिलासपुर में बनने जा रहा शहीद स्मारक हिमाचल का पहला ऐसा भव्य स्मारक होगा, जो पर्यटकों के लिए भी किसी आकर्षण से कम नहीं होगा। खास बात यह है कि शहीदों के शहीद दिवस पर समारोहों का आयोजन हुआ करेगा। बिलासपुर के लिए यह अत्यंत गौरव की बात है कि प्रदेश के पहले भव्य शहीद स्मारक के निर्माण के लिए सेना के सुप्रीम कमांडर एवं महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक ईंट शहीद के नाम अभियान के साथ जुड़कर स्मारक निर्माण के लिए एक ईंट अभियान के संयोजक संजीव राणा को भेंट की है। जिलाधीश के अनुसार इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व उनकी कैबिनेट द्वारा भी बिलासपुर शहीद स्मारक के निर्माण के लिए ईंट भेंट करने के अतिरिक्त हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है, जबकि मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने एक दिन का वेतन कामगारों को देने का निर्णय लिया है। एक ईंट शहीद के नाम अभियान के संयोजक संजीव राणा ने बताया कि आमजन के सहयोग से इस स्मारक को भव्य रूप से निर्मित किया जाएगा, ताकि यह स्थल मात्र एक स्मारक के रूप में ही नहीं बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी एक दर्शनीय स्थल बनकर लोगों के हृदय में अंकित हो और वहां लोग सम्मान और श्रद्धाभाव से देश पर मर मिटने वाले वीर शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करें।

गांव के पांच लोगों को जिम्मेदारी

अभियान के संयोजक संजीव राणा ने बताया कि हर गांव में पांच-पांच व्यक्तियों को स्मारक के निर्माण के लिए सामग्री संग्रहित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी तथा किसी भी स्तर पर किसी से नकद राशि प्राप्त नहीं की जाएगी। अगर कोई भी व्यक्ति नकद राशि देने का इच्छुक हो, तो वह स्वयं कामगारों व मिस्त्रियों को भुगतान कर सकते हैं।

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