मनाली अर्बन एस्टेट एक्ट से बाहर

जयराम सरकार का फैसला, लोगों ने ली राहत की सांस

मनाली – अर्बन एस्टेट एक्ट के जाल में फंसे हिमाचल के इकलौते मनाली शहर को इससे बाहर निकालने की तैयारी कर ली गई है। या यूं कहें कि अगामी समय में मनाली में अर्बन एस्टेट एक्ट लागू नहीं होगा। जयराम सरकार ने अपने इस फैसले पर अंतिम मुहर लगा दी है। यहां बता दें कि हिमाचल का मनाली ऐसा इकलौता शहर था,जहां टीसीपी एक्ट के साथ अर्बन एस्टेट  एक्ट भी लागू होता  है। ऐसे में यहां होटल व घरों के नक्शे पास करवाने के लिए आवेदन कर्ताओं को इन दोनों एक्ट के नियमों के तहत अपना नक्शा बनाना पड़ता है। लिहाजा लंबे समय से मनाली में अर्बन एस्टेट  एक्ट को हटाने की मांग कारोबारी व स्थानीय जनता कर रही थी। ऐसे में  जयराम सरकार ने यह निर्णय लिया है कि मनाली में अर्बन एस्टेट एक्ट को हटा दिया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल होने के नाते मनाली में रहने वाले लोगों को टीसीपी एक्ट व अर्बन एस्टेट  एक्ट से गुजरना ही पड़ता था। भूमि के लैंड ट्रांसफर से लेकर बिल्डिंग के निर्माण तक कई ऐसे औपचारिकताएं होती थी, जिन्हे निभाते-निभाते लोग परेशान हो जाते थे। दो एक्टों  के लागू होने वोले प्रदेश के इकलौते मनाली शहर में यह सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा था, लेकिन मनाली के बाशिंदे हर बार अर्बन एस्टेट एक्ट को हटाने की बात सरकार के समक्ष तो रखते पर इस और कदम आगे नहीं बढ़ पाते, लेकिन जयराम सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस और कदम बढ़ाया और मनाली शहर को अर्बन एस्टेट  एक्ट से बाहर करने के फैसले को मंजूरी दे दी।   अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसीपी तरुण श्रीधर ने बताया कि  पहले मनाली शहर में टीसीपी एक्ट के साथ अर्बन एस्टेट एक्ट भी लागू था , लेकिन अब सरकार ने अर्बन एस्टेट को मनाली में समाप्त कर दिया है।

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