शिमला में बिगड़े हालात
महापौर चीन में उपमहापौर तो फोन नहीं सुनते
संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम व सरकार को जनता को इसकी जवाबदेही देनी होगी। पर जवाबदेही दे कौन महापौर चीन में, उपमहापौर फोन नहीं सुनते, शिमला के विधायक जो सरकार के मंत्री है उनका कोई पता सता नहीं, अधिकारी बताते नहीं, कब पानी आएगा। उन्होंने ऐलान किया है कि तुरंत शहर मे जल संकट का समाधान नहीं किया गया, तो पार्टी नगर निगम व प्रदेश सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन करेगी।
हर ओर इसी के लिए मचा हल्ला
शिमला में पानी को लेकर जगह-जगह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को भी शहर के बालूगंज और न्यू शिमला के लेन वन में जनता पानी को लेकर सड़कों पर उतर आई। लोगों में हाथों में खाली बाल्टियां लेकर चक्का जाम किया। सप्ताह बाद भी पानी की सप्लाई न होने से लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। जनता पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रही है।
टैंकर माफिया को संरक्षण का आरोप
पूर्व महापौर संजय चौहान ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार व भाजपा शासित नगर निगम टैंकर माफिया को संरक्षण दे रही है। इससे पहले शहर में कभी पानी के टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है। तो अब क्यों टैँकरों से पानी की सप्लाई करने की आवश्यकता हुई है।
जनता सड़कों पर, वीआईपी बिना टेंशन
शहर में चहेतों वीवीआईपी और होटल व्यवसायियों को रोजाना पानी की आपूर्ति की जा रही है। उनका कहना है की पूरी प्यासी जनता सड़कों पर है, लेकिन कोई भी वीवीआईपी होटल, व्यवसायी, रसूखदार अभी तक पानी की डिमांड करते नहीं दिखे हैं।
इस्तीफा दें महापौर-उपमहापौर
वामपंथियों ने नगर निगम महापौर व उपमहापौर से इस्तीफे की मांग की है। महापौर व उपमहापौर निगम को चलाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो गए हैं। ऐसे में उन्हें कुर्सी के रहने का कोई अधिकार नहीं है। पानी की बूंद-बूंद के लिए जनता तरस रही है, मगर जनता को सप्ताह बाद भी पानी नहीं मिल पा रहा ।
आज-कल यहां होगी वाटर सप्लाई
बुधवार को शहर के भराड़ी, रूल्दूभट्टा, कैथू, अनाडेल, समरहिल, टुटू-मजयाठ, बालूगंज, कच्ची घाटी, टूटीकंडी, कनलोग, नाभा फागली में पानी की सप्लाई की जाएगी, जबकि 31 मई को कृष्णानगर, राम बाजार, लोअर बाजार, जाखू, बैनमोर, इंजनघर, संजौली चौक, ढली, मशोबरा, भट्टाकुफर, शांति विहार, मल्याणा और सांगटी में पानी की सप्लाई दी जाएगी।
अधिकारी पूरा दिन फील्ड में
पेयजल किल्लत ने निगम अधिकारियों के हाथ पांव फूला दिए हैं। व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए निगम अधिकारी सुबह से शाम तक फील्ड में डटे रहे, मगर इसके बावजूद व्यवस्था और विकराल होती जा रही है। फील्ड में उतरे अधिकारियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
कंट्रोल रूम घेरा
पंपिंग पर असर…जल संकट जारी
मंगलवार को परियोजनाओं से मिला 21.94 एमएलडी पानी
शिमला – पेयजल परियोजनाओं में लगातार पानी का स्तर घटने लगा है, जिसका असर परियोजनाओं से होने वाली पंपिंग पर पड़ रहा है। परियोजनाओं में पानी सबसे न्यूनतम स्तर पर चला गया है। मंगलवार को परियोजनाओं से महज 21.94 एमएलडी पानी की पंपिंग हुई, जो सामान्य से 20 से 22 एमएलडी कम है। पानी का स्तर घटने से निगम को शहर में पानी की आपूर्ति करना चुनौती पूर्ण कार्य बन गया है। पंपिंग कम होने से निगम को रोजाना कम पानी मिल रहा है। ऐसे में जनता की जरूरत विकराल रूप लेने लगी है। सप्ताह में भी पानी की सप्लाई न होने से जनता के सब्र का बांध टूटने लगा है। लोग हाथों में खाली बाल्टियां लेकर सड़कों पर सरकार व नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्यासी जनता पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रही है।