राफ्टिंग कंपनियों के दस्तावेज जांचे

बवेली पहुंची पर्यटन विभाग की टीम, कारोबारियों में हड़कंप

केलांग -समर सीजन में सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने रिवर राफ्टिंग करवाने वाली कंपनियों के दस्तावेज सहित उनके उपकरणों की जांच की। विभाग की टीम ने मंगलवार को बबेली में दबिश देते ही, जहां राफ्ंिटग कंपनियों के संचालकों मंे हड़कंप मच गया, वहीं टीम के सदस्यों ने एक-एक कर राफ्टिंग कंपनियों के दस्तावज  व उपकरणों की जांच की। हालांकि इस दौरान सभी के दस्तावेज पूरे पाए गए। समर सीजन के चलते मनाली घूमने आने वाले सैलानी रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा रहे हैं। सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रख इन कंपनियों के संचलाकों के दस्तावेज सहित उपकरणों की जांच प्रशासन द्वारा की जा रही है। मंगलवार को बवेली में पहुंची पर्यटन विभाग की टीम ने यहां राफ्टिंग करवा रही कंपनियों के दस्तावेज जांचे। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीसी नेगी का कहना है कि जिला के उन सभी स्थलों पर टीम जा रही है, जहां रिवर राफ्टिंग करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि अगामी कुछ दिनों तक विभाग का यह जांच अभियान जारी रहेगा। उधर, पर्यटन विभाग की टीम के कुल्लू-मनाली के राफ्टिंग प्वाइंटों पर पहुंचने से दिन भर कारोबारियों में हड़कंप की स्थिती बनी रही। यहां बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में रिवर राफ्टिंग करते समय सैलानियों केे साथ कुछ हादसे भी हुए हैं, जिनमें कुछ हादसों मंे सैलानियों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है, लिहाजा इन हादसों से सबक लेते हुए प्रशासन ने जहां पर्यटन विभाग के साथ मिल कर एक कमेटी का गठन किया है, जो इन रिवर राफ्टिंग कंपनियों के दस्तावेजों के साथ उपकरण भी जांच रही है। बता दें कि ब्यास नदी में राफ्टिंग करवाने वाली 62 एजेंसियां पर्यटन विभाग की फाइलों में पंजीकृत हैं, जिन्हें 226 के करीब पंजीकृत गाइड चला रहे हैं। एजेंसियों के पास करीब 265 राफ्टें पंजीकृत हैं। वहीं, 180 के करीब पैराग्लाइडिंग पंजीकृत हैं।

बिना लाइसेंस करवा रहे राफ्टिंग

कई राफ्टिंग प्वाइंटों पर बिना लाइसेंस के गाइड भी ब्यास नदी में राफ्टिंग करवा रहे हैं। यही नहीं, पिछले दिनों कई गाइड नियमों को ताक पर रखकर सैलानियों को राफ्ट से बाहर निकालकर राफ्ट में लगी रस्सी को पकड़वाकर ब्यास नदी में तैराकी करवाने में मशगूल हो गए  थे। यह पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। ब्यास नदी में कई बार गाइडों की लारवाही से पर्यटकों की जान भी चले गई हैं। नदी में नियमों को दर किनार कर सैलानियों को राफ्टिंग करवाने वाली एजेंसी के साथ राफ्ट गाइडों पर सख्ती से जांच कमेटी निपटेगी। कुल्लू-मनाली में बजौरा से शुरू हो कर बंदरोल तक रिवर राफ्टिंग की कंपनियां राफ्टिंग करवाती हैं। इन में अलग-अलग ट्रैक शामिल है। कुछ शॉट ट्रैक हैं, तो कुछ लांग ट्रैक। लिहाजा घाटी में पहुंचने वाले सैलानी अपने बजट के अनुसार यहां रिवर राफ्टिंग का आनंद  लेते हैं। यही नहीं, सैलानियों की चहलकदमी को बढ़ता देख प्रशासन ने भी राफ्टिंग कंपनियों पर शिकंजा कसा है।  ऐसे में समर सीजन को रफ्तार पकड़ते ही रिवर राफ्टिंग का कारोबार जहां इन दिनों जोरशोर से चल रहा है, वहीं नियमों की उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी पर्यटन विभाग की टीम ने मोर्चा खोल दिया है।

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