रिजल्ट की कमियां ढूंढेगी विशेष कमेटी

शिमला— प्रदेश सरकार के बाद अब शिक्षा विभाग भी दसवीं के परिणामों का आकलन अपने लेवल पर करवाएगा। शिक्षा विभाग दसवीं का नतीजा आने के बाद सकते में है कि आखिर इतनी सुविधाएं ओर स्कूलों में शिक्षकों को इतने निर्देश देने के बाद भी इस साल रिजल्ट में गिरावट क्यों आई है। शिक्षा विभाग जल्द ही एक कमेटी बनाने जा रहा है। यह कमेटी स्कूलों में जाकर रिजल्ट को जांचेगी ओर यह देखा जाएगा कि आखिर रिजल्ट में आई गिरावट में  शिक्षा विभाग की ओर से कहां चूक रह गई है, या फिर स्कूल प्रबंधन की ओर से छात्रों की शिक्षा को गंभीर नहीं लिया गया। शिक्षा विभाग के अनुसार हर विषय के अनुसार स्कूलों में कमेटी के जरिए सर्वे करवाया जाएगा। इसमें यह जांचा जाएगा कि छात्र ज्यादातर किस विषय में पिछड़े रहे। उल्लेखनीय है कि यह कमेटी न केवल बोर्ड की कक्षाओं के रिजल्ट का सर्वे करेगी, बल्कि इसके साथ ही छोटी कक्षाओं के रिजल्ट में रही कमियों का पता भी लगाएगी। कमेटी द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट शिक्षा विभाग सरकार को सौंपेगा और उसके बाद कम रिजल्ट वाले स्कूलों से जवाबदेही मांगी जाएगी।  शिक्षा विभाग की ओर से पिछले वर्ष भी रिजल्ट आने के बाद  प्रारंभिक निदेशालय के निदेशक मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कई गई थी। विभाग की ओर से गठित की गई इस कमेटी ने स्कूलों में जाकर हर कक्षा के छात्रों से परीक्षा में कम अंक आने के बारे में पूछा था। इसके साथ ही शिक्षकों से भी इस बारे में सुझाव लिए गए थे। बता दें कि पिछले वर्ष तो छात्रों ने कमेटी के सदस्यों को साफ कह दिया था कि उनके परीक्षा में कम अंक आने का कारण सीसीटीवी कैमरे हैं, जबकि पिछले वर्ष इतने सीसीटीवी कैमरे लगे भी नहीं थे। ऐसे में महत्त्वपूर्ण यह है कि इस बार छात्रों के पास रिजल्ट कम रहने को लेकर क्या तर्क रहेंगे। शिक्षा विभाग ने कमेटी गठित करने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। कमेटी की कार्रवाई शुरू होने से पहले विभाग सरकार से परमिशन लेगा। बता दें कि गुरुवार को प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं कक्षा के परिणाम में तीन से चार फीसदी गिरावट आई है। हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बार बेशक रिजल्ट की प्रतिशतता में कमी आई हो, लेकिन निजी स्कूलों के मुताबिक सरकारी स्कूलों में इस बार रिजल्ट अच्छा आया है।

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