लीज पर जिंदगी गुजार रहे लोग संकट में

1999 के बाद रिन्यू नहीं हुई लीज और अब मार्केट वैल्यू के हिसाब से डाल दिया करोड़ों का जुर्माना

हमीरपुर— लीज पर मिली जमीन पर जिंदगी की शुरुआत करने वाले प्रदेश के सैकड़ों लोगों के सामने मुश्किल आन पड़ी है, क्योंकि पिछले 15 से 20 सालों से इनकी लीज रिन्यू नहीं हो पाई है। ऐसे में अब इन्हें भारी भरकम पैनेल्टी डाल दी गई है। एक छोटे से छोटे लीज धारक को डाली गई पैनेल्टी की राशि 10 से 11 लाख के बीच बताई जा रही है। पैनेल्टी डालने के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि पिछले कई सालों से लीज रिन्यू नहीं हो पाई और प्रशासन की ओर से उनकी जमीन को अवैध कब्जा घोषित कर दिया गया। अब उस भूमि की राशि वहां की मार्केट वैल्यू के हिसाब से लगाई गई है, जो कि लाखों के हिसाब से बन रही है। जिला हमीरपुर में ही 50 के करीब ऐसे मामले बताए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश में यह आंकड़ा सैकड़ों में होने की संभावना है। वर्ष 1982 में तत्कालीन सरकार की ओर से उन लोगों को रहने  के लिए जमीन का टुकड़ा दिया गया था, जो प्रदेश के दूसरे जिलों से आकर यहां-वहां बसे थे। यह जमीन का टुकड़ा डेढ़, दो और पांच मरले तक दिया गया था। संबंधित परिवारों से इसकी एवज में सालाना किराया 720 रुपए से लेकर जमीन के हिसाब से 1000 और 1500 तक सुनिश्चित था। लीज धारकों की मानें तो 1982 से 1989 और फिर 1999 तक लीज रिन्यू की जाती रही और वे सालाना इसका किराया भी देते रहे, लेकिन 1999 से लीज रिन्यू नहीं की गई, जबकि उन्होंने इस बारे में कई बार संबंधित जिला प्रशासन को अवगत भी करवाया। बाकायदा लिखित में गुहार भी लगाई गई, लेकिन लीज रिन्यू नहीं हुई। ‘दिव्य हिमाचल’ के पास जो दस्तावेज मौजूद हैं उसके अनुसार जिला प्रशासन ने इस बारे में अवर सचिव मुख्यमंत्री को भी लिखा था, लेकिन मामला आगे नहीं सरक पाया।

99 साल के लिए मिले लीज

जमीन के इन छोटे-छोटे टुकड़ों पर घर बनाकर और छोटा-मोटा कारोबार कर जीवन व्यतीत करने वाले ये लीज धारक अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि एक तो उन्हें इस भारी भरकम जुर्माना राशि से निजात दिलाई जाए और दूसरा उन्हें यह जमीन 99 साल के लिए लीज पर दी जाए, ताकि जीवन का यह आखिरी पड़ाव आसानी से कट सके।

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