वे स्कूल जिन्होंने चूमा शिखर

By: May 9th, 2018 12:09 am

प्रधानाचार्य, राजेश गर्ग

वर्ष 1992 से लेकर अब तक के 26 साल के बेमिसाल सफर में घुमारवीं का हिम सर्वोदय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सफलता के शिखर को चूम रहा है। क्षेत्र के कई अनगिनत विद्यार्थियों को बेहद किफायती दरों पर गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने वाला निजी क्षेत्र में विद्यालय बन चुका है। विद्यालय के संस्थापक स्व. हीरा लाल महाजन का एक मात्र सपना था कि निजी क्षेत्र में एक ऐसा विद्यालय हो, जहां गरीब से भी गरीब वर्ग का बच्चा भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके। विगत 26 वर्षों में न जाने कितने रिकार्ड इस स्कूल ने बनाए हैं। जैसे हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में प्रथम स्थान हासिल करना हो या एक साथ एक ही कक्षा की बोर्ड परीक्षा की मैरिट सूची के पांच-पांच स्थान प्राप्त करने की विद्यालय की एक परंपरा बन गई है। इस वर्ष भी दसवीं कक्षा में विद्यालय की दो छात्राओं निहारिका शर्मा व कृतिका वर्मा ने बोर्ड की मैरिट सूची में तीसरा तथा सातवां स्थान प्राप्त किया है। शिक्षा के अतिरिक्ति विद्यालय के विद्यार्थियों ने नाम कमाया है।  यहां के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल तथा अपना नाम रोशन किया है। स्कूल की समयसारिणी को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि विद्यार्थियों का थोड़ा भी समय बर्बाद न हो, बल्कि बच्चा हर गतिविधि में भाग लेकर अपना सर्वांगीण विकास कर सके। इसके लिए नियमित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिनमें भाषण, वाद-विवाद, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, नृत्य, नाटक निबंध लेखन सहित अन्यों का आयोजन किया जाता है। इन प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को इनाम देकर सम्मानित किया जाता है।

विद्यालय छात्र संख्या और स्टाफ

विद्यालय में नर्सरी से जमा दो कक्षा तक करीब 900 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में 70 शिक्षक एवं गैर शिक्षक स्टाफ उपलब्ध है। समस्त शिक्षक वर्ग उच्च शिक्षा तथा अनुभव प्राप्त है, जो पूरी लगन व मेहनत से बच्चों को पढ़ाते हैं। उनके भविष्य का निर्माण करते हैं। सारे स्टाफ को कई सुविधाएं स्कूल प्रबंधन उपलब्ध करवा रहा है। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यालय ने नवरतनस अकादमी भी शुरू कर रखी है।

सुविधाएं

हिम सर्वोदय स्कूल में बच्चों के लिए आधुनिक प्रयोगशालाएं जैसे जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी आदि उपलब्ध है। विद्यालय में उच्च तकनीक के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। पुस्तकालय में विभिन्न विषयों की पुस्तकंे, मैगजीन व समाचार-पत्र हैं। बच्चों को आने-जाने की सुविधा के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा मौजूद है।

विद्यालय का परीक्षा परिणाम

हिम सर्वोदय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल प्रदेश शिक्षा बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल रहने के लिए प्रदेश भर में मशहूर है। इस साल भी दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में स्कूल की मेधावी छात्रा निहारिका शर्मा ने प्रदेश में तीसरा तथा कृतिका वर्मा ने सातवां स्थान हासिल किया। जबकि जमा दो तथा दसवीं के अन्य बच्चों का रिजल्ट भी शानदार रहा।

क्या कहते हैं प्रिंसीपल

स्कूल के प्रिंसीपल राजेश गर्ग का कहना है कि सफलता का मूल मंत्र विद्यालय प्रबंधन द्वारा स्कूल में कार्यरत शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखना। यदि अध्यापक वर्ग का मनोबल बना रहेगा, तभी वे संतुष्ट मन से बच्चों के भविष्य का निर्माण कार्य पूरी लगन व मेहनत के साथ करेंगे।

-राजकुमार सेन, घुमारवीं

प्रधानाचार्य, सुषमा गुलेरिया

न्यू ईरा स्कूल ऑफ साइंसेज छतड़ी की शुरुआत अप्रैल, 2006 में धौलाधार के प्रांगण में बसे गांव छतड़ी में तत्कालीन अध्यक्ष सरस्वती शिक्षण एवं प्रकाशन समिति के द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य की पूर्ति हेतु की गई। प्रथम सत्र की शुरुआत 150 विद्यार्थियों के साथ की गई। वर्तमान में छात्र संख्या 900 के लगभग है। पिछले 12 वर्षों की सफलता की यात्रा का श्रेय विद्यालय के प्रबंधन संचालन समिति एवं अध्यापकों के कठिन परिश्रम की गाथा है। विद्यालय पठन-पाठन के साथ-साथ व्यक्तित्व निर्माण की गतिविधियों में प्रदेश स्तर पर सदैव अग्रणी रहा है। अगर हम बोर्ड परीक्षा परिणामों के संदर्भ में बात करें तो दसवीं कक्षा में वर्ष 2015 में विद्यालय के दो विद्यार्थियों ने प्रथम बार टॉप टेन में जगह बनाई। उस वर्ष अरुणधत्ती ने 685 अंक लेकर प्रदेश में पांचवां व मनीष राणा ने 680 अंक लेकर दसवां स्थान हासिल किया। मार्च 2017 के बोर्ड परीक्षा परिणामों में विद्यालय के दसवीं व 12वीं के दोनों टॉप टेन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। विद्यालय की छात्रा अरुणधत्ती ने 480 अंक प्राप्त करके 12वीं विज्ञान संकाय की टॉप टेन में नौवां स्थान तथा शालिनी ने दसवीं कक्षा की टॉप टेन में 689 अंक लेकर प्रदेशभर में पांचवां स्थान हासिल करके विद्यालय की प्रतिष्ठा में चार चांद लगाए। अनुभवी अध्यापकों, जागरूक अभिभावकों व मेहनती विद्यार्थियों में हर वर्ष बोर्ड परीक्षा में टॉप टेन में स्थान पाने का जुनून बना रहता है। परिणामस्वरूप इस वर्ष भी विद्यालय की चार छात्राओं ने बोर्ड की टॉप टेन सूची में स्थान पाकर इस विजय गाथा की पुनरावृत्ति की है। इन छात्राओं की पारिवारिक पृष्ठभूमि सैन्य परिवारों से है।सोनम ने 689 अंक लेकर प्रदेश में दूसरा, सोनाली ने 687 अंक लेकर चौथा, शिखा व राधवी ने 682 अंक लेकर संयुक्त रूप से नौवां स्थान हासिल किया। विद्यार्थियों के इस जज्वे के साथ-साथ हम उन अध्यापकों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने इस विद्यार्थियों की सफलता को सुनिश्चित किया। पिछले वर्ष से उत्तीर्ण हुए जमा दो के विद्यार्थी देश के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राहुल शर्मा इंडियन नेवल अकादमी में बीटेक अरुणधत्ती दिल्ली विश्वविद्यालय मंे स्नातक, इच्छित चौधरी, सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय में फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक, काजल मन्हास केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश से बीएससी फिजिक्स, कृतिश बीएससी केमिस्ट्री दिल्ली विश्वविद्यालय से, पंकज बीटेक, राजीव गांधी इंजीनियरिंग कालेज से, जाह्नवी ओएनजीसी द्वारा प्रायोजित अपस स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में बीटेक कर रहे हैं।

विद्यालय के विद्यार्थी प्रदेश में चलने वाली शैक्षिक गतिविधियों तथा प्रदेश में चलने वाले बाल विज्ञान कांग्रेस में जिला स्तर पर व प्रदेश स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा का वास होता है। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खेलों की गतिविधियां समय-समय पर आयोजित होती रहती हैं। विद्यालय का लक्ष्य है कि वह हर वर्ष अपने राष्ट्र के लिए प्रतिभाशाली विभूतियों का निर्माण करता रहे।

-विजय लगवाल, शाहपुर

प्रधानाचार्य, सुषमा मखैक

मात्र 40 बच्चों से शुरू हुआ सनशाइन स्कूल, रामपुर आज बुलंदियां छू रहा है। वर्ष 1994 में इस स्कूल की नींव सुषमा मखैक ने रखी। खुद पढ़ाने का जुनून था तो धीरे- धीरे स्कूल में बच्चे जुटते गए। शुरू में मात्र 40 बच्चों से यह स्कूल शुरू हुआ। आज इस स्कूल में 600 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हर वर्ष यह स्कूल शानदार परिक्षा परिणाम के लिए जाना जाता है। हर वर्ष इस स्कूल से ब्लॉक व जिला स्तर पर बच्चे स्कूल व अभिभावकांे का नाम चमकाते आ रहे है। वहीं इस बार तो इस स्कूल ने प्रदेश को तीन टॉप 10 छात्र दिए हैं। इस सफलता से यह स्कूल गदगद है। स्कूल का हर शिक्षक इसे अपनी बड़ी उपलिब्ध मान रहा है। स्कूल की प्रधानाचार्य सुषमा मखैक का कहना है कि इस स्कूल में बच्चों को न केवल किताबी बातें बताई जाती हैं, बल्कि उनका संपूर्ण विकास किया जाता है। यही कारण है कि सनशाइन स्कूल हर वर्ष बेहतरीन परीक्षा परिणाम देता आ रहा है।

गत वर्ष भी इस स्कूल से 65 छात्रों ने दसवीं की परीक्षा दी जिसमें 25 बच्चों ने 700 में से 600 से अधिक अंक हासिल किए। वहीं गत वर्ष की टॉपर ऐंजल नेगी ने 673 अंक हासिल किए थे। लेकिन इस बार सनशाइन स्कूल ने न केवल रामपुर में बल्कि पूरे प्रदेश में जबरदस्त सफलता हासिल की। इस बार राहुल ने 689 अंक हासिल किए। जबकि इस स्कूल की सेकेंड टॉपर व प्रदेश की पांचवी टॉपर ने 686 अंक हासिल किए। जबकि तीसरी टॉपर और प्रदेश की सातवीं टॉपर ने 684 अंक हासिल कर स्कूल का नाम चमकाया। इस बार दसवीं की परीक्षा में कुल 75 बच्चे बैठे। जिसमंे सभी ने इस परीक्षा को उत्तार्ण किया। स्कूल प्रधानाचार्य ने जानकारी देते हुए कहा कि कुल 75 बच्चों में से 67 बच्चों ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए। उन्होंने कहा कि वह निजी स्कूलों की होड़ में नहीं भागना चाहते।वह अपनी कैपेस्टी के आधार पर ही दाखिला लेते हैं और उन पर पूरी मेहनत करते हैं। जिस तरह से इस बार बोर्ड परिक्षा में सनशाइन का दबदबा रहा, यह भविष्य में भी बना रहे, इसके लिए पूरी मेहनत की जाएगी।

-महेंद्र बदरेल, रामपुर

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