व्यवस्था में खोट या खूंखार बनने लगा हिमाचल

By: May 3rd, 2018 12:20 am

क्या निर्माण के वक्त आंखें मूंदे बैठी थीं सरकारी एजेंसियां, अब ड्यूटी में खौफ बन गूंजेगा गोलीकांड

शिमला— कसौली गोलीकांड की गूंज ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों को हर वक्त डराती रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करने पहुंची महिला अधिकारी को गोली से उड़ा देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले फोरेस्ट गार्ड होशियार सिंह का पेड़ से लटका शव कानून व्यवस्था पर चोट कर चुका है। सुंदरनगर में वन माफिया ने फोरेस्ट गार्ड की निर्मम पिटाई की है। मंडी जिला के पद्धर में ड्यूटी पर तैनात फोरेस्ट गार्ड को धुना गया है। वर्ष 2016 में सोलन जिला के खनन माफिया का कहर एडीशनल एसपी रैंक के अधिकारी पर टूट चुका है। तीन साल पहले नालागढ़ में खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे आईएएस अधिकारी भी खनन माफिया की यातनाएं झेल चुके हैं। हरियाणा के पुलिस कर्मियों ने हिमाचल सीमा पर स्थित बैरियर में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों पर बंदूकें तान दी थीं। वर्ष 2016 में ऊना के गोंदपुर जयचंद में वन माफिया ने वन विभाग की पूरी टीम को खदेड़ने का कारनामा कर दिखाया था। ऊना जिला के गगरेट में बिरोजा से भरे ट्रक ने पूरी फोरेस्ट टीम को कुचलने का प्रयास किया था। लिहाजा पिछले तीन सालों में हिमाचल प्रदेश के ड्यूटी पर तैनात कई अधिकारी व कर्मचारी इस दर्द को झेल चुके हैं। विधानसभा चुनावों में कानून व्यवस्था के नाम पर प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा होशियार सिंह का मामला अब भी रोंगटे खड़े कर देता है। इसी बीच कसौली में महिला अधिकारी की हत्या का मामला किसी डरावनी आहट से कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना के लिए सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला को होटल मालिक ने दनदनादन गोलियां चला दीं। जाहिर है कि होटल मालिक ने भी अपने सामने सब कुछ लुटता हुआ देख कर इस कारनामे को अंजाम दिया है।

खुद को लुटता देखा लांघी मानवता की हदें

गोलीकांड के पीछे व्यवस्था सबसे बड़ी दोषी रही है। होटल निर्माण के समय सरकारी एजेंसियां आंख मूंद कर बैठी रहीं। लिहाजा अपनी ही जमीन पर अपनी संपत्ति को धराशायी होते देख होटल मालिक ने मानवीय हदें लांघ दीं और कर्त्तव्यनिष्ठ निर्दोष महिला अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया। अब  दूसरे अधिकारी-कर्मचारियों का भी ड्यूटी के दौरान कसौली कांड की गोलियों की गूंज परेशान करती रहेगी।

सरकार की ओर से कोई नहीं पहुंचा

महिला टीसीपी आधिकारी के अंतिम संस्कार में हालांकि जिला प्रशासन तो पहुंचा, पर  सरकार का  की तरफ से कोई मंत्री या विधायक नहीं पहुंच सका। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू पीडि़त परिवार का ढाढस बंधाने पहुंचे।

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