स्मार्टफोन चलाना सीख रहे बुजुर्ग

चेन्नई के एक क्लासरूम का नजारा कुछ अलग ही था। इस क्लासरूम में 60 स्टूडेंट बैठे थे। ये स्टूडेंट बच्चे नहीं, सीनियर सिटिजंस थे। उनके हाथों में हाथों में पेन और कॉपी की जगह स्मार्टफोन था। इस क्लास में किसी सब्जेक्ट की पढ़ाई नहीं हो रही थी, बल्कि स्मार्टफोन चलाना सिखाया जा रहा था। यह क्लास हैल्पएज इंडिया की तरफ से आरके पुरम में आयोजित की गई। चार दिनों की इस क्लास में सीनियर सिटिजंस को स्मार्टफोन चलाना सिखाया गया। उन्हें फोन सिखाने के लिए 35 छात्रों की यहां ड्यूटी लगाई गई। 82 साल की पदमा सुरदर्शन यहां अपनी बेटी के साथ स्मार्टफोन चलाना सीखने आईं। उन्होंने कहा कि एक बार जब वह स्मार्टफोन चलाना सीख लेंगी तो अपना स्मार्टफोन खरीद लेंगी। उन्होंने सबसे ज्यादा रुचि स्मार्टफोन में ओला और व्हाट्सऐप चलाने में ली। उन्होंने कहा कि ओला ऐप चलाना सीखकर वह कहीं भी कभी भी अपने मन से जा सकती हैं। उन्हें कैब या ऑटो के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं होगी। इस उम्र में भी युवाओं जैसा जोश रखने वाली पदमा ने बताया कि उन्होंने 70 साल की उम्र में पीएचडी की थी और 80 साल की उम्र में एक किताब लिख चुकी हैं। हैल्पएज इंडिया के आर मुथुकृष्णन ने कहा कि उन्हें बहुत सारे सीनियर सिटिजंस ने कहा कि वह स्मार्टफोन चलाना सीखना चाहते हैं। घर में लोगों के पास समय नहीं होता है कि वे उन्हें फोन चलाना सिखाएं, इसलिए उन्होंने इस तरह की क्लास करवाने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की क्लासेस अन्य शहरों में भी आयोजित की जाएंगी। 73 साल की जेस्सी राजशेखरन ने बताया कि उनके पास तीन साल से स्मार्टफोन है, लेकिन वह उसे अच्छे से नहीं चला पाती हैं। वह अपने स्मार्टफोन में सिर्फ कॉल रिसीव  करना और काटना ही जानती हैं। वह ऐप्स चलाना सीखना चाहती थीं, ताकि वह लोगों को फोटो और वीडियो भेज सकें। लोगों के साथ सोशल मीडिया में जुड़ सकें। मुथुकृष्णन ने बताया कि पहले दिन वे लोग सीनियर सिटिजंस को स्मार्टफोन में बेसिक चीजें सिखाते हैं। दूसरे दिन उन्हें व्हाट्सऐप, ओला, उबर और दूसरे ऐप्स चलाना सिखाया जाता है। तीसरे दिन मोबाइल वॉलेट्स, ऑनलाइन बैंकिंग सिखाई जाती है। अंतिम दिन उन्हें बिल पेमेंट्स करना सिखाया जाता है। 78 साल की नाटराजन जयरामन ने कहा कि वह स्मार्टफोन चलाने की क्लासेस इसलिए लेने आईं, क्योंकि उन्हें पेटीएम, ओला और व्हाट्सऐप सीखना था। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन आजकल की जिंदगी का एक हिस्सा हो गया है। वह अब अपने मोबाइल से गाने चलाना भी सीख चुकी हैं।

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