हिमालयन गु्रप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीच्यूट में हर बीमारी का इलाज

कालाअंब – औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित  हिमालयन गु्रप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीच्यूट में जल्द ही लोगों को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होने वाली है। लोगों की शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, इमोशनल, वातावरणीय, कार्मिक, सामाजिक व बौद्धिक समस्याओं के समाधान हेतु अब हिमालयन गु्रप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीच्यूट में नेचुरल होलिस्टिक वैलनैस सेंटर की स्थापना हो चुकी है। इसमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे नैयरोपैथी, एक्यूप्रेशर, शरीर संतुलन, न्यूरोथैरेपी, आयुर्वेद, होम्योपैथी व योग आदि लगभग 40 प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों द्वारा स्वास्थ्य लाभ करवाया जाता है, जिनका कोई विपरीत प्रभाव स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता। इस संस्थान को प्रोफेसर डा. श्रीकृष्ण शर्मा के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। हिमालयन गु्रप के चेयरमैन रजनीश बंसल ने बताया कि अब क्षेत्र के लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा, क्योंकि समस्त स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए नैचुरल हॉलिस्टिक वैलनैस सेंटर कालाअंब में खुल गया है। उन्होंने बताया कि आज के समय में स्वस्थ व्यक्ति वह है, जो प्रत्येक अवस्था में प्रसन्न है, जिसकी पाचन शक्ति ठीक है, जिसको नींद पूरी आती है, जिसके चेहरे व आंखों में चमक है और जीवन में जो आशावादी है। उन्होंने बताया कि इस सेंटर में विभिन्न आधुनिक मशीनों द्वारा लोगों की समस्त रोगों का निदान किया जाता है। जैसे हेल्ट प्रोटेक्शन मशीन जो कि मरीज को इलेक्ट्रिक एनर्जी द्वारा हमारे शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है। यह नशों की ब्लॉकेज खोलने में लाभदायक है। बॉडी डीटोक्सीफिकेशन मशीन द्वारा बॉडी के अंदरूनी अंगों की सफाई की जाती है, जिससे शरीर के अंदर पैदा हुए बिषैले किटाणु नष्ट किए जाते हैं। होल बॉडी वाइब्रेटिंग बैड भी पूरे शरीर में रक्त संचार के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। टैंस मशीन द्वारा विकलांग मरीजों के अंगों को चलाकर इलेक्ट्रिक एनर्जी से उपचार किया जाता है। एक्युपेंचर थैरेपी द्वारा कमजोर नसों को एक्टिव किया जाता है। इसके अलावा भी कई अन्य आधुनिक तथा विदेशी मशीनों से क्वांटम विधि द्वारा रोगों से तुरंत व त्वरित आधार पर निजात दिलाई जाती है तथा ऐसी समस्याओं का समाधान संभव है, जहां आधुनिक चिकित्सा अपने हाथ खड़े कर चुकी होती है। प्रोफेसर डा. श्रीकृष्ण शर्मा ने बताया कि इस प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली से कोई हानि नहीं होती है।  उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा न केवल उपचार की पद्धति है, अपितु यह एक जीवन पद्धति है इसे बहूधा औषधीविहीन उपचार पद्धति भी कहा जाता है।

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