आंगनबाड़ी वर्कर्ज का हल्ला बोल

शिमला —लंबे समय से लंबित पड़ी मांगो को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर्ज व हेल्पर यूनियन ने प्रदेश सचिवालय के बाहर हल्ला बोला। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मांगो की अनदेखी का आरोप लगाया। इस दौरान पूरे प्रदेश से हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ‘घेरा डालो डेरा डालो’ कार्यक्रम में शामिल हुईं।  प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर रहीं। इस दौरान लगभग उन्नीस हजार आंगनबाड़ी केंद्र  बंद रहेे। वहीं, प्रदेशव्यापी इस प्रदर्शन में 38 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हुईं। प्रदेश आंगनबाड़ी यूनियन अध्यक्ष खिमी भंडारी व महासचिव राजकुमारी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार समेकित बाल विकास योजना को खत्म करने की साजिश रच रही है। केंद्र सरकार ने देश के ग्यारह हजार आंगनबाड़ी केंद्र वेदांता कंपनी के हवाले करके निजीकरण व ठेकेदारी प्रथा की शुरुआत कर दी है। मध्य प्रदेश व राजस्थान की भाजपा सरकारों ने लगभग सात हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया है। केरल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को साढ़े बारह हजार वेतन दिया जाता है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में वेतन साढ़े ग्यारह हजार है। उन्होंने मांग की है कि हिमाचल के कर्मियों को हरियाणा की तर्ज पर वेतन व सुविधाएं दी जाएं। तीन हजार रुपए पेंशन दी जाए। इसके अलावा रिटायरमेंट पर दो लाख रुपए ग्रेच्युटी दी जाए। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को समान वेतन दिया जाए व इन केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में अपग्रेड किया जाए। वकर्स ने मांग की है कि एनआरएचएम की वर्ष 2013 से लंबित राशि का तुरंत भुगतान किया जाए और आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष की जाए। इस महाधरने के दौरान आंगनबाड़ी का प्रतिनिधिमंडल डा. कश्मीर ठाकुर, प्रेम गौतम व विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से मिला व उनसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को पूर्ण करने की मांग की।

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