आंधी ने उड़ाए आम-लीची

ऊना —जिला ऊना में आंधी व तूफान ने बागबानी विभाग के करीब 70 लाख गर्क करके रख दिए हैं। पिछले दो माह से मौसम के बिगडे़ मिजाज के चलते बागबानी की बंपर फसल आम व लीची तबाह हो गई है। प्राकृतिक आपदा के चलते बागबानों को खासा नु्रकसान उठाना पड़ा है। तूफान ने फलों के राजा आम की फसल को चौपट करके रख दिया है। पकने जा रही आम की फसल तबाह होकर रह गई है। वहीं लीची की फसल को भी खासा नुक्सान पहुंचा है। जिला ऊना में बागबानों को खासी उम्मीद थी कि इस बार आम की बंपर फसल होगी, लेकिन आंधी व तूफान ने बागबानों के मनसूबों पर पानी फेर दिया है। आंधी व तूफान इतना तेज था कि आम की फसल पकने से पहले ही झड़कर नष्ट हो गई। वहीं आम के पेड़-पौधों को भी खासा नुकसान पहुंचा है, जिला ऊना में बागबान अपनी आर्थिकी को सबल बनाने के लिए विभिन्न किस्मों के पौधे लगाते हैं, जिनमें फलों के राजा आम के पौधे उन्नत किस्मों के लगाए जातें हैं, जिनमें लंगड़ा, दशहरी, देसी आम इत्यादि किस्में शामिल हैं। जिन्हें किसानों ने बच्चों की तरह पालकर बड़ा किया है। वहीं पहले भी आम के पेड़ भी मौजूद हैं जो कि आम के फल फसल से लदे हुए थे। वहीं लीची की फसल को भी अंधड़ से खासा नुक्सान हुआ है। नुकसान को लेकर बागबानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। स्थानीय बागबानों में चमन, सीता राम ठाकुर, जरनैल सिंह, लक्की, शिव शशि कंवर इत्यादि ने बताया कि आंधी व तूफान से फलों के राजा आम व लीची की फसल गर्क होकर रह गई है। उन्होंने कहा कि सरकार बागबानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सकारात्मक कार्रवाई अमल में लाए। उल्लेखनीय है कि जिला ऊना के पांचों विकासखंडों में आम व लीची सहित अन्य फल फसल के पौधों को बागबान रोपित करते हैं और फल-फसल की उन्नत पैदावार लेकर अपना व अपने परिवार का पेट पालते हैं। इस बारे में बागबानी उपनिदेशक सुधीर कुमार ने बताया कि जिला ऊना में अप्रैल माह से अब तक बागबानों को करीब 70 लाख का नुकसान उठाना पड़ा है, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट को विभागीय मुख्यालय भेजा जाएगा।

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