इस हफ्ते की फिल्में

वीरे दी वेडिंग/ भावेश जोशी सुपरहीरो

निर्देशक : शशांक घोष

कलाकार :  करीना कपूर खान, सोनम कपूर, स्वरा भास्कर, शिखा तलानिया,  सुमित व्यास

संगीत : शाश्वत सचदेव, विशाल मिश्रा

रिलीज  : 1 जून, 2018

दिव्य हिमाचल रेटिंग :***/5

यह चार दोस्त की कहानी आम बात है पर फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’  की है, तो यह  कुछ अलग है क्योंकि ये चार दोस्त लड़कियां है। अपनी जिंदगी से जूझती हैं और उनके दिल टूटते हैं।  ये चारों लड़कियां अपनी शर्तों पर जीती हैं और निडर और बेबाक होकर बात करती हैं।  जो बातें पुरुष करते हैं, गाली देना, सेक्स के बारे में हर तरह की ये चारों भी ऐसी ही बाते करते हैं इनका मानना है कि जो काम पुरुष कर सकते हैं वे लड़कियां क्यों नहीं। इस तरह की फिल्म को देखना अच्छा लगता है। क्योंकि इन तीनों को लगता है क्यों लड़कियों को पाबंदियां हैं। शराब की लत बुरी बात होती है। थोड़ा-बहुत शराब पीना कोई बुरी बात नहीं है। हजारों सालों से हम पीते आ रहे हैं। हमारे तो शिव जी पीते हैं भांग और विष्णु भगवान पीते हैं सोमरस। इसकी लत बुरी चीज है और हम नहीं दिखा रहे कि इसकी लत लगा लो। मैं यही कह रही हूं कि जब हम समानता की बात करते हैं, तो जो मोहलत और आजादी आप हीरोज को दे रहे हैं, वहीं लड़कियों को भी देनी चाहिए। यह परफेक्शन और अच्छाई का बोझ हमेशा औरतें क्यों ढोती रहें। क्या सारी औरतें बिना खामियों के होती हैं। वे भी इनसान ही हैं। इनसान होने की पहली चीज है कि आपमें कमी होनी चाहिए, जिसमें कमी नहीं है, वह तो भगवान ही होता है। इन चारों के हिसाब से शराब पीना, सिगरेट पीना या गाली देना कोई बुरी चीज नहीं है, जो ज्यादा बुरी हैं, जैसे नफरत करना, सरेआम लोगों को मार देना। कालिंदी (करीना कपूर) शादी के झंझटों में फंसी हुई है। शादी करना और रिश्तेदारों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करना उसे अखरता है, लेकिन वह वक्त के साथ बहती जाती है क्योंकि वह प्यार में है। अवनी (सोनम कपूर) को सोलमेट नहीं मिल रहा है। उसकी मां दिन-रात उसके लिए जीवनसाथी ढूंढने में लगी है। साक्षी (स्वरा भास्कर) रिलेशनशिप में बंधने के लिए बनी ही नहीं है और मीरा (शिखा तल्सानिया) एक विदेशी से शादी कर चुकी है। उसका एक बच्चा भी है, लेकिन उसकी शादीशुदा जिंदगी में कोई खुशी नहीं है। और फिल्म का पूरा मजा लेना है तो आपको थियेटर में जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी।

निर्देशक : विक्रमादित्य मोत्वेन

कलाकार : हर्षवर्धन कपूर,  राधिका आपटे,

निशिकांत कामत, प्रियंशु पेंगुली

दिव्य हिमाचल रेटिंग : **/5

फिल्म की शुरुआत अन्ना आंदोलन के बैकग्राउंड  से होती है। इस आंदोलन में भावेश जोशी (प्रियांशु पैन्यूली) अपने दोस्तों सिकंदर उर्फ सिक्कू (हर्षवर्धन कपूर) और आशीष वर्मा के साथ कालेज में पढ़ता है। आंदोलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं।  भावेश जोशी आम आदमी से सुपरहीरो बनने की कहानी है।  भावेश जोशी के पास कोई विल पावर नहीं है वह अपने जज्बे के साथ सबके दिलों का सुपर हीरो बन जाता है। भावेश और सिक्कू   दोनों दोस्त मिलकर इनसाफ  नाम का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शुरू करते हैं,  लेकिन उनका यह आंदोलन फेल हो गया। जिंदगी आगे बढ़ती गई। सिक्कू इंजीनियर बन कर बाहर चला गया और भावेश भ्रष्टचार  के खिलाफ जंग लड़ने में ही जुटा रहा। भ्रष्टाचार नाम ही कुछ ऐसा है कि अपनों के बीच में दरार पैदा कर देता है। ऐसा ही भावेश और सिक्कू के साथ हुआ। सिक्कू को विदेश आने के लिए पासपोर्ट बनाना होता है और उसने पासपोर्ट बनाने के लिए रिश्वत का सहारा लिया। यह बात भावेश को पता चल जाती है और उन दोनों के बीच झगड़ा हो जाता है। सिक्कू भावेश का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देता है, तो  माफिया के आदमी  भावेश की  पिटाई कर देते हैं। भावेश फिर भी नहीं मानता और पानी माफिया के खिलाफ  जुटाने जाता है, तो उसकी हत्या हो जाती है। अपने दोस्त की मौत का बदला लेने के लिए सिक्कू दुनिया की नजर में विदेश जाकर खुद भावेश जोशी सुपरहीरो का रूप धारण करता है, लेकिन वह विलेन बने निशिकांत कामत से बदला ले पाता है या नहीं, यह देखने के लिए आपको सिनेमा घर जाना होगा।

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