सक्सेस स्टोरी
2009 में छोड़ दिया था स्कूल
सुदीक्षा भाटी, जिनके पिता बुलंदशहर के धूम माणिकपुर गांव में एक छोटी चाय की दुकान चलाते हैं, को वित्तीय बाधाओं के कारण 2009 में अपना स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन उसने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण जारी रखा और अब वह 4 साल के लिए इंटर्नशिप करने के लिए मैसाचुसेट्स के प्रतिष्ठित बाब्सन कॉलेज में जा रही है। यह कॉलेज अमरीका के प्रसिद्ध कॉलेजों में जाना जाता है। फिलहाल सुदीक्षा अभी अपने वीजे का इंतजार कर रही है।
बुलंदशहर में 12वीं में कर चुकी है टॉप
सुदीक्षा सीबीएसई कक्षा 12वीं में 98 प्रतिशत अंकों के साथ बुलंदशहर जिला की टॉपर भी है और वह जल्द ही प्रतिष्ठित कॉलेज में अन्य 24 भारतीय छात्रों के साथ शामिल हो जाएगी जो इस साल बाब्सन कॉलेज में जा रहे हैं। हालांकि, बुलंदशहर से बाब्सन तक उसकी यात्रा कभी आसान नहीं थी। वह कुछ समय के लिए स्कूल से बाहर थी क्योंकि 2009 में भारी व्यापार घाटे के कारण उसके पिता स्कूल शुल्क का भुगतान नहीं कर सके थे।
12वीं तक फ्री में पढ़ाई करने का मिला मौका
वह कक्षा 5वीं तक अपने गांव धूम माणिकपुर के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई करती थी। पिता की जागरूकता की वजह से सुदीक्षा ने जवाहर नवोदय विद्यालय और विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी में पढ़ाई के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया और 2011 में उसे इस एकेडमी में 12वीं तक फ्री में पढ़ाई करने का मौका मिला।
बिजनेसमैन शिव नाडर के स्कूल से की है पढ़ाई
आपको बता दें कि विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी बिजनेसमैन शिव नाडर के द्वारा चलाई जाती है जिसमें कि पढ़ाई के प्रति रुचि रखने वाले आर्थिक रूप से कमजोर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के बच्चों को फ्री में पढ़ने का मौका मिलता है। सुदीक्षा के साथ ही स्कूल के तीन अन्य बच्चों को अमरीका के विभिन्न कॉलेजों में छात्रवृत्ति मिलेगी। 2017 में सुदीक्षा ने एसएटी की परीक्षा भी दी थी, जिसमें कि उसने अच्छा स्कोर प्राप्त किया था।