जान जाए…पर आस्था कैसे भूल जाएं

सरकारी आदेशों के छह महीने बाद प्रदेश के 38 क्षेत्रों में एक भी बंदर पर नहीं चली गोली

हमीरपुर— देवभूमि हिमाचल प्रदेश में हिंसक बंदरों की जान भगवान हनुमान से जुड़ी आस्था ने बचा ली। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल में बंदरों को हिंसक घोषित करने के बाद एक साल तक मारने की अनुमति दी गई है। इसके लिए प्रदेश में 38 क्षेत्रों को चुना गया है। सिर्फ वन क्षेत्र में बंदर मारने की अनुमति नहीं थी। अधिसूचना के बावजूद छह महीने में एक भी बंदर पर गोली नहीं चली है। इनका उत्पात सहने को लोग तैयार हैं, लेकिन इन्हें मारने की कोई सोच भी नहीं रहा। लोगों की यह आस्था आने वाले समय में बंदरों के और अधिक उत्पात को जन्म दे सकती है। हिमाचल के दस जिलों में बंदरों को मारने की अनुमति सरकार ने प्रदान की है। किन्नौर और लाहुल-स्पीति को छोड़ अन्य जिलों में बंदर मारने के फरमान जारी किए गए थे। फसल को उजाड़ रहे बंदरों को किसान मार सकते थे। अगर कोई बंदर हिंसा पर उतर जाए, तो इसे भी गोली मारने पर किसी तरह की विभागीय कार्रवाई नहीं होगी। लगातार बढ़ रहे बंदरों के हमलों के बाद इन्हें मारने का निर्णय लिया गया था। अब हालात ऐसे हैं कि छह महीने में एक भी बंदर नहीं मारा गया है। बंदरों को मारने पर संबंधित व्यक्ति को पैसे दिए जाने का भी प्रावधान किया गया था। पर्यावरण मंत्रालय वन व वातावरण बदलाव ने बंदर मारने की अधिसूचना 20 दिसंबर, 2017 में कहा है कि हिमाचल के दस जिलों में चिन्हित 38 क्षेत्रों में बंदर मारने पर कोई प्रतिबंध नहीं। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिमाचल में बंदर जीवन के लिए नुकसानदायी हैं। ये किसानों की फसलें तबाह कर रहे हैं, वहीं कई जगह काफी हिंसक हो गए हैं। हालांकि छह महीने का लंबा अरसा बीत जाने के बाद एक भी बंदर नहीं मारा गया है। दिसंबर में सरकार द्वारा दी गई मोहलत समाप्त हो जाएगी। इसके बाद बंदर मारने पर प्रतिबंध लग जाएगा। डीएफओ, वाइल्ड लाइफ कृष्ण कुमार ने खबर की पुष्टि की है।

इन इलाकों में है अनुमति

चंबा के डलहौजी, भटियात, सिहुंता व चंबा, कांगड़ा के नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, जवाली, कांगड़ा, पालमपुर व बड़ोह, ऊना के भरवैन, अंब, ऊना, हरोली व बंगाणा, बिलासपुर के घुमारवीं, नयनादेवी, बिलासपुर सदर व नमहोल, शिमला के शिमला ग्रामीण, रामपुर, नेरवा, शिमला नगर निगम, सिरमौर के पच्छाद, राजगढ़, रेणुका, शिलाई व कामरू, कुल्लू के मनाली, कुल्लू व सैंज, हमीरपुर के बड़सर व बिझड़ी, सोलन के नालागढ़, कसौली, सोलन व दाड़लाघाट तथा मंडी के सुंदरनगर में बंदर मारने की अनुमति है।

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