ख़ूबसूरत है जिंदगी

रिश्तों में छुपी खूबसूरती हमारे जीवन को उल्लास और उमंग से भर देती है और इससे मिलने वाला उत्साह ही तो हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि हमने बेहतरीन जिंदगी जी। जब बात खूबसूरती की हो तो मुझे लगता है कि ईश्वर ने हमें जो जीवन दिया है, उससे खूबसूरत भला क्या हो सकता है। हम जिस परिवेश में पलते-बढ़ते हैं, जिस तरह के रिश्तों में बंधते हैं, फिर चाहे वे स्वाभाविक हों, जैसेः माता-पिता, भाई-बहन या फिर सामाजिक, जैसे-हमारे दोस्त, पति-पत्नी और रिश्तेदार, इनका पूरा योगदान होता है, हमारे अपने व्यक्तित्व को गढ़ने में और इसी दौरान कुछ ऐसे खूबसूरत यादगार लम्हें आते हैं, जो ताउम्र याद रह जाते हैं। रिश्तों से जुड़े, दिल को छू लेने वाले ऐसे ही कुछ अनुभव मुझे इन महिलाओं से सुनने को मिले, जो बता रहे हैं कि जीवन कितना खूबसूरत होता है। मेरी सास मेरे लिए खाना लेकर आई थीं और अपने हाथों से खिला रही थीं, पर मैं खाना कम खा रही थी और पानी ज्यादा पी रही थी। वह मुझे खाना खाने के लिए यूं मना रही थीं, जैसे मैं कोई बच्ची हूं और धीरे-धीरे खाना खिलाती जा रही थीं। लोग कहते हैं कि मां की जगह कोई नहीं ले सकता,पर उस दिन मुझे यूं लगा कि मेरी सास ने मुझे स्नेह देने में मेरी मां को भी पीछे छोड़ दिया। आज भी मैं वह पल याद करती हूं तो भावुक हो जाती हूं। मेरी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। मैं अपनी सास से कहती भी हूं कि जितना प्यार आप मुझे देती हैं, उतना तो मेरी मां भी नहीं दे सकती थीं। उस खूबसूरत पल के बाद से हमारा दोस्ती से भरा यह सास-बहू का रिश्ता और भी गहरा हो गया।