त्रियूंड की पहाडि़यों में कचरे का डेरा

सैलानियों के साथ कारोबारी फैला रहे गंदगी, शराब की खाली बोतलों संग जगह-जगह प्लास्टिक के ढेर

धर्मशाला—पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में प्रदेश के स्कूलों, सामाजिक संस्थाओं व सरकारी विभागों सहित हजारों लोगों पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही ब्यां कर रही है। धौलाधार की वादियों में स्थित विश्वप्रसिद्ध ट्रैकिंग साइट त्रियूंड की पहाडि़यों में पर्यावरण संरक्षण को ठेंगा दिखाया जा रहा है। त्रियूंड में कारोबारी और पर्यटक प्लास्टिक की बोतलें, खाद्य पदार्थों के रैपर सहित अन्य गंदगी  वहीं छोड़ रहे हैं। ईको टूरिज्म सोसायटी के तहत शराब को ट्रैकिंग साइट पर ले जाने की मनाही है। बाबजूद इसके पर्यटक अपने साथ शराब की बोतलें ले जा रहे हैं। धौलाधार की वादियों में मात्र वेस्ट वॉरियर संस्था के सहारे ही पर्यावरण संरक्षण चल रहा है। इस तरह खूबसूरत और ठंडी वादियों में पर्यटकों द्वारा कूड़ा-कचरा फैलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार त्रियूंड में इन दिनों प्रतिदिन 1500 से दो हज़ार के बीच पर्यटक पहुंच रहे हैं। ये पर्यटक अपने साथ पानी की बोतलें, खाद्य पदार्थ सहित अन्य सामान लेके आ रहे हैं। वन विभाग, पर्यटन विभाग और ईको टूरिज्म सोसायटी द्वारा घलूं मंदिर चैक पोस्ट पर पर्यटकों के सामान की चैकिंग की जाती है। पर्यटकों को खाद्य पदार्थों के रैपर वापस लाने की भी हिदायत दी जाती है, लेकिन कुछ पर्यटक इन्हें वहीं छोड़कर आ रहे हैं। सोसायटी और पर्यटन विभाग में रजिस्टर्ड कारोबारियों को भी गंदगी वापस लाने की हिदायत दी गई है, लेकिन वे भी एक स्थान पर गंदगी को एकत्रित करके इतिश्री कर रहे हैं। इन दिनों त्रियूंड की पहाडि़यों में हर जगह गंदगी पसरी नजर आती है।

वेस्ट वॉरियर संस्था के जिम्मे पहाड़ की सफाई

वेस्ट वॉरियर संस्था में स्थानीय लोगों के साथ विदेशी पर्यटक भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। संस्था ने धौलाधार की वादियों में सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाला है। उनके सराहनीय कार्य को देखते हुए ईको टूरिज्म सोसायटी ने भी वेस्ट वारियर संस्था को ही पहाड़ में फैलाई जा रही गंदगी उठाने का कांट्रैक्ट सौंप दिया है, लेकिन आए दिन बढ़ रही गंदगी अब पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है।

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