थलौट ब्यास हादसे के जख्म फिर ताजा

चार साल पहले दरिया में बहे हैदराबाद के युवकों की आत्मिक शांति को औट पहुंचे परिजन

औट—देश के 24 भावी इंजीनियरों को लील लेने वाली ब्यास ने ठीक चार साल बाद मृतक छात्रों की पसंदीदा चीजें अपनी लहरों में समेट लीं। चार साल पहले थलौट ब्यास हादसे में 24 प्रशिक्षु इंजीनियरों  को खोने वाले कुछ अभागे अभिभावक हजारों किलोमीटर दूर से अपने बच्चों की पसंदीदा खाने-पीने की चीजें लेकर छात्रों की आत्मा की शांति के लिए औट पहुंचे। चार साल से जिन जख्मों को अभिभावक दिल में छिपाए हुए थे, वे एकाएक ही फिर ताजा हो गए। बच्चों की याद में दो घंटे घटन स्थल पर बिताते हुए कई पेरेंट्स फूट-फूट कर रोए। घटना के चार साल पूरे होने पर थलौट पहुंचे परिजनों ने दूर हैदराबाद बैठीं बच्चों की माताओं को घटनास्थल से वीडियो कॉल कर दर्द बांटा, क्योंकि अब फिर इस जगह पर परिजन नहीं आना चाहते, जहां उनके बच्चों को बेवक्त मौत मिली थी। परिजन ब्यास किनारे बैठ मानों लहरों से बतिया रहे थे कि तुमने हमारे लाल हमसे छीन लिए ,अब उनकी ये पसंद की चीजें ले लो। बच्चों की याद में हजारों किलोमीटर का फासला तय कर थलौट पहुंचे अभिभावक दो घंटे घटना स्थल पर बिताने के बाद भारी मन के साथ वापस लौट गए। गौरतलब हो कि आठ जून, 2014 का दिन हिमाचल के इतिहास में सबसे दर्दनाक और काले दिवस के रूप में याद किया जाता है। इस दिन शाम करीब छह बजे विगनाना ज्योति इंस्टीटूट ऑफ इंजीनियरिंग कालेज हैदराबाद के छात्र अकाल मृत्यु का शिकार हुए थे। हालांकि इस हादसे को गुजरे चार वर्ष हो गए परंतु समय से पूर्व काल का ग्रास बने इन छात्रों के माता-पिता इस हादसे को भूल नहीं  पा रहे हैं। इन छात्रों की बरसी पर इनके माता-पिता मंडी जिले के थलौट के समीप घटना स्थल पर पहुंचे तथा अपने जिगर के टुकड़ों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना सभा की।

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