दवा कंपनियों के लिए ट्रेस एंड ट्रैक

नकली दवाइयों पर लगाम के लिए केंद्र सरकार शुरू करेगी सिस्टम

बीबीएन— बाजार में नकली दवाओं के बढ़ते कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही ‘ट्रेस एंड ट्रैक’ सिस्टम लागू करने जा रही है। शुरुआत में टॉप फार्मा कंपनियों के 300 दवा ब्रैंड्स पर इसे लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत दवा बनाने वाली कंपनियां अपनी सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं व अन्य उत्पादों पर एक विशेष प्रकार का यूनीक कोड प्रिंट करेंगी। इस यूनीक कोड में 14 अंकों का एक नंबर लिखा होगा, जिसके जरिए दवा के असली या नकली होने का आसानी से पता किया जा सकेगा। हाल ही में ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) की बैठक में ‘ट्रेस एंड ट्रैक’ सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब इस सिस्टम से नकली दवाइयों पर लगाम कसी जा सकेगी। इसी कड़ी में भारत के दवा महानियंत्रक ने इस कवायद को सिरे चढ़ाने के लिए 25 जून को नामी फार्मा कंपनियों की बैठक भी बुलाई है। फार्मा कंपनियों के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य नहीं बनाई गई है। प्रस्ताव के मुताबिक शुरुआती चरण में टॉप-300 दवा ब्रैंड के लेबल पर 14-अंकों वाला एक नंबर प्रिंट होगा। मसलन बाजार में बेची जाने वाली हर दवा की स्ट्रिप या बॉटल पर अलग-अलग यूनीक नंबर होगा। लेबल पर इसके साथ एक मोबाइल नंबर भी प्रिंट किया जाएगा, जो दवा की मार्केटिंग करने वाली कंपनी जारी करेगी। 14 अंकों की इस संख्या को लेबल पर दिए मोबाइल नंबर पर मैसेज करने पर दवा बनाने वाले का नाम और पता, बैच नंबर, मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जैसी जानकारी मिलेगी। गौर रहे कि 2014-16 के सर्वे में खुलासा हुआ था कि भारत में बिकने वाली कई दवाइयां नकली हैं।

२५ जून को बैठक

डिप्टी ड्रग कंट्रोलर इंडिया आर चंद्रशेखर के हवाले से जारी पत्र में कहा गया है कि 25 जून को आगे की तैयारियों व कार्य रूप रेखा के लिए टॉप फार्मा कंपनियों व प्रमुख एसोसिएशन की डीसीजीआई के साथ बैठक होगी। इसी बैठक में इस सिस्टम के लिए प्रथम चरण में चयनित की गई करीब 70 दवा कंपनियों की 300 दवाओं को लेकर चर्चा की जाएगी।