सराहां – जापानी इंसेफ्लाइट्स एक तरह का दिमागी बुखार है, जो कि संक्रमण की वजह से व मच्छर के काटने से फैलता है। यह वायरस पहले सुअर व पानी के नजदीक रहने वाले पक्षियों को संक्रमित करता है। पच्छाद के बीएमओ संदीप शर्मा ने बताया कि जापानी बुखार के लक्षण शुरू में दिखाई नहीं देते। एक प्रतिशत से कम संक्रमित लोगों के बुखार, मष्तिष्क, ज्वर, चक्कर आना, गर्दन में जकड़न, कंपकंपी, अदरंग जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाए, तो संक्रमित व्यक्ति के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है। संदीप शर्मा ने बताया कि दिमागी बुखार का कोई निश्चित उपचार नहीं है। केवल दर्द निवारक व बुखार कम करने की दवाई दी जा सकती है। छोटे बच्चों में इससे बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है जो 28 दिनों के अंतराल पर दो खुराकों में दिया जा सकता है। डा. शर्मा ने बताया कि दिमागी बुखार से बचने के लिए कुछ सावधानियां जैसे घरों के आसपास पानी खड़ा न होने दें, बच्चों को पानी जमा होने वाली जगह से दूर रखें, क्योंकि इस बुखार को फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर खड़े रहने वाले पानी में ज्यादा पनपता है।