दिव्या का एवरेस्ट मैराथन में कमाल

जालंधर— हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला व सोलन में जन्मी, पली-बढ़ी व पढ़ी, दिव्या वशिष्ट (सच्चर) को हाल ही में एवरेस्ट मैराथन 2018 के इंडियन कैटेगरी में विजय प्राप्त हुई है। उन्होंने निर्देशित 13 घंटों की बजाए 42 किलोमीटर की मैराथन दौड़ को मात्र दस घंटे 29 मिनट में ही पूरा कर दिखाया। उनके बाद रामाराव चिट्टी तथा शिवेंद्र सिंह रहे। दिव्या कनाडा व अमरीका में भी काम कर चुकी हैं और वर्तमान में वह बंगलूर में रह रही हैं। एक साक्षात्कार में दिव्या ने कहा कि उनका धाविका बनना कुछ प्राकृतिक ही रहा है। शुरुआत में उन्होंने सड़क पर ही 20 मिनट दौड़ना आरंभ किया था, फिर कुछ वर्षों बाद 10,000 मीटर दौड़ में भाग लिया और फिर कभी इस क्षेत्र में पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कहा कि पहले उसने स्टेमिना कायम रखना सीखा। 2016 में उसने 17,582 फुट ऊंचाई व 72 किमी वाले विश्व के उच्चतम अल्ट्रा मैराथन खरदूंग-ला चैलेंज के लिए लेह में दौड़ लगाई। 2017 में स. अफ्रीका के डरबन से पीटरमेरीज्बर्ग तक वाले 87 किमी लंबे कामरेडस कप के लिए दौड़ 11 घंटे 42 मिनट में पूरी की, जो विश्व की विशालतम अल्ट्रा मैराथन है।

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