दोबारा नौकरी देने का विरोध

घुमारवीं —प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ ने सरकार की सेवानिवृत्त अध्यापकों को पुनः नियुक्ति देने का पुरजोर विरोध किया है। संघ ने कहा कि सरकारी पाठशालाओं में अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्ति देना हास्यास्पद हैं। क्योंकि आज के दौर में बहुत से बेरोजगार साथी इन पोस्टों के लिए योग्य है। शिक्षा विभाग प्रतिदिन इस तरह के सुझाव सरकार को देता है। जिनका जमीनी स्तर पर कोई औचित्य नहीं है। अगर पाठशालाओं में अध्यापकों की पोस्टें खाली हो रही है तो इनको भरने की किसकी जिम्मेदारी है। सरकार के पास भर्ती  करने कि दो-दो एजेंसीस है, जिनका काम विभिन्न विभागों में खाली पोस्ट को भरना है। सरकार अगर लगातार अध्यापकों के खाली पद भर्ती तो शायद यह स्थिति नहीं बनती। प्रदेश के भूतपूर्व प्रधान भूपेंद्र ठाकुर तथा वर्तमान प्रधान अश्वनी ठाकुर ने संयुक्त ब्यान जारी कर कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों की दोबारा नियुक्तियां कितनी सार्थक सिद्ध होगी, क्योंकि आज के समय में प्रतिस्पर्धा का युग है। प्रदेश में कितने ही नौजवान टेट कि परीक्षा अध्यापक बनने के लिए देते हैं। उसी से पढ़े-लिखे बेरोजगारों कि संख्या का पता चलता है। शिक्षा विभाग तथा सरकार को नई पोस्टें भरने के लिए प्रदेश अधीनस्थ चयन कमीशन से लिंक कर सभी श्रेणी कि अध्यापकों कि भर्तीयां करनी चाहिए। इससे बेरोजगारों का भला होगा तथा सभी को नौकरी पाने के लिए बराबरी का मौका मिलेगा। संघ का कहना है कि इस तरह कि भर्ती या पीरियड बेस भर्ती को बेरोजगार नौजवानों के अधिकार पर कुठाराघात है। विभाग को जल्दी से जल्दी खाली पोस्टों का खाका बनाकर हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर भेजे, ताकि नए खाली पदों पर अध्यापक नियुक्त किए जाएं।