नई कमेटी का गठन करे हिमुडा

By: Jun 21st, 2018 12:15 am

अदालती आदेशों की अनुपालना न करने पर हाई कोर्ट ने पुरानी समिति पर कार्रवाई करने के दिए आदेश

शिमला — प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेशों की अनुपालना के लिए गठित कमेटी द्वारा अदालत के आदेशों की अनुपालना न किए जाने पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने हिमुडा को आदेश दिए कि वह कमेटी के सभी सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करें और अनुपालना रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करे। साथ ही अदालत ने हिमुडा को आदेश दिए कि वह नई कमेटी का गठन करे और अदालत द्वारा 14 दिसंबर 2017 को पारित आदेशों की अनुपालना करें और अदालत के समक्ष 20 अगस्त तक रिपोर्ट दायर करे।  ज्ञात रहे कि 14 दिसंबर 2017 को प्रार्थी अनिल अग्रवाल द्वारा हिमुडा से खरीदे फ़्लैट को बढ़ाने के नजरिये से किए गए अवैध निर्माण को प्रदेश हाई कोर्ट ने गलत ठहराया था। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने याचिका को ख़ारिज करते हुए अपने आदेशों में कहा था कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत से इस तरह का निर्माण कब्ज़ा नहीं किया जा सकता। अदालत ने अथॉरिटी को आदेश दिए थे  कि वह छः महीनों के भीतर इस मामले की जांच करे और दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्यवाही कर अनुपालना रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करे। मामले में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी ने प्रतिवादियों से फ्लैट ख़रीदा था। कुछ सालों बाद प्रतिवादी ने प्रार्थी को नोटिस दिया कि उसने फ्लैट की छत बढ़ाकर अवैध निर्माण किया है। प्रार्थी को इसे तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए गए थे। प्रार्थी ने इस निर्णय को अदालत के समक्ष चुनौती दी। प्रार्थी ने दलील दी है कि उसके द्वारा किए गए अवैध निर्माण को नियमित किया जाए जैसा कि अन्य मामलों में किया गया है। न्यायाधीश चौहान ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया था कि नकारात्मक समानता की दलील किसी भी अदालत के समक्ष नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा था कि दो गलत चीजें एक सही नहीं कर सकती इसके अलावा, अवधारणा समानता का एक सकारात्मक विचार है, जिसे नकारात्मक रूप से लागू नहीं किया जा सकता है।

 11  को कोर्ट में पेश हों शिक्षा सचिव

शिमला— प्रदेश में शिक्षकों के लगभग दस हजार खाली पड़े पदों के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट सचिव शिक्षा को आदेश दिए कि वह अदालत को बताए ं कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू करने के क्या कदम उठाए गए है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने उक्त आदेश पारित किए। आज हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार शिक्षा सचिव अदालत के समक्ष पेश हुए। अदालत ने उन्हें मामले की आगामी सुनवाई 11 जुलाई को भी अदालत के समक्ष पेश होने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है  कि पिछली सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के लगभग दस हजार पद खाली है। मंडी जिला के निहरी तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दोघरी  में अध्यापको के खाली पदों को उजागर करने वाले मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किए। मामले की सुनवाई 11जुलाई  को निर्धारित की गई है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App