नहीं पहुंचे कई सदस्य फंसा नियमों का पेंच

जोगिंद्रा बैंक बीओडी की पहली बैठक

सोलन—दि जोगिंद्रा सेंट्रल सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की पहली ही बैठक में प्रदेश सहकारिता नियमों का पेंच फंस गया है। निदेशक मंडल की संपन्न बैठक में गुरुवार को कुल छह निर्वाचित सदस्यों में से पांच ने उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई। बैठक में इकलौते निदेशक कम अध्यक्ष विजय सिंह ठाकुर ही निर्वाचित सदस्य के रूप में उपस्थित थे। दूसरी ओर बैठक में प्रदेश सरकार नामित चार निदेशक सदस्यों ने हाजिरी भरी तथा एक सदस्य प्रदेश सहकारी बैंक व प्रबंध निदेशक के रूप में उपस्थित था। कुल मिलाकर 13 निर्वाचित व नामित सदस्यों के निदेशक मंडल में अध्यक्ष सहित सात सदस्य उपस्थित हुए। इसलिए सहकारिता विभाग की फाइलें उच्च स्तर पर खंगाली जा रही हैं। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है तथा यह मुद्दा रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं के कार्यालय पहुंच गया है। नियमों के अनुसार सहकारी बैंक की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की संपन्न होने वाली बैठक में कुल निर्वाचित सदस्यों में से 50 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति होनी अनिवार्य है। जोगिंद्रा सहकारी बैंक के निर्धारित कुल छह जोन से छह निदेशक मतदान के जरिए निर्वाचित होकर आते हैं। चार सदस्यों को सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है तथा एक सदस्य सहकारी बैंक, एक सहायक पंजीयक व एक बैंक का प्रबंध निदेशक स्वतः ही होता है। गुरुवार को बैंक की आहूत बैठक के लिए छह निर्वाचित सदस्यों में से तीन की हाजिरी होनी आवश्यक थी, ताकि बैठक में लिए गए निर्णयों पर संवैधानिक मुहर लग सके, लेकिन इस बैठक की प्रासंगिकता पर प्रश्न चिन्ह लगता देख सहकारिता विभाग के नियम खंगाले गए। इस मंथन में यह भी निकला कि यदि निर्वाचित व मनोनीत दस निदेशकों में से पांच निदेशक बैठक में उपस्थित रहते हैं, तो भी बैठक वैध मानी जाएगी। बैठक में सरकार द्वारा नामित निदेशक व एक स्वयं निर्वाचित निदेशक विजय सिंह ठाकुर उपस्थित थे। अब दोनों नियमों में से कौन सा रूल बैठक पर मान्य होगा, इस पर सहकारिता अधिनियम का पेंच फंस गया है।

रजिस्ट्रार से मांगी संवैधानिक राय

इस पर संवैधानिक राय जानने के लिए मामला रजिस्ट्रार को शिमला भेज दिया गया है। वैसे बैठक में गुरुवार को किसानों को ऋण देने संबंधी कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की सूचना है। बैंक के एमडी टशी संडूप ने कहा कि दोनों नियमों में कौन सा मान्य होगा, इसके लिए हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं रजिस्ट्रार को लिखा गया है।

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