प्रदेश के छात्रों का बेसिक क्लीयर नहीं

सोलन— प्रदेश के छात्र बुनियादी शिक्षा के स्तर में कमतर आंके गए हैं। इसका खुलासा एससीईआरटी द्वारा आयोजित नेशनल अचीवमेंट सर्वे में हुआ है। सर्वे के अनुसार प्रदेश के छात्रों का औसत राष्ट्रीय औसत 250 के मुकाबले 229 ही है। इस औसत को देखते हुए एससीईआरटी ने प्रदेश में बुनियादी शिक्षा में सुधार की दिशा में कार्य करना आरंभ कर दिया है। गौरतलब है कि एससीईआरटी ने प्रदेश के 12 जिलों के 1951 स्कूलों में नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) आयोजित किया था। इस सर्वे को आयोजित करने का उद्देश्य था कि प्रदेश में बुनियादी शिक्षा की स्थिति का पता लगाया जाए, लेकिन सर्वे के आंकड़ों ने बुनियादी शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि प्रदेश के एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हो सके। इसके लिए बकायदा योजना आरंभ हो गई है, ताकि 2019 में होने वाले सर्वे में प्रदेश की शिक्षा स्थिति में सुधार हो सके। वहीं एससीईआरटी सोलन में प्रदेश के सभी जिलों के डाइट में कार्यरत रिसर्च एंड इवेल्यूएशन को-आर्डिनेटर के साथ शिक्षा में सुधार की योजना के प्रारूप पर चर्चा की गई है। इसमें शिक्षाविदों ने भी भाग लिया। योजना के अंतिम रूप को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा और इसे नेशनल एक्सपर्ट भी देखेंगे। योजना के तहत सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि किस जिला में कौन-कौन सी कक्षाओं के बच्चे किन विषयों में कमजोर हैं। बच्चों को जो पढ़ाया जा रहा है, वह उन्हें समझ आ भी रहा है या नहीं इसको देखते हुए इसमें सुधार की गुंजाइश भी देखी जा रही है। इसके अलावा बच्चों को विषय समझाने के लिए प्रश्न बैंक तैयार कर उन्हें रट्टा मारने से बचाने की भी योजना है। वहीं, जिस जिला के बच्चे जिस विषय में कमजोर होंगे, उस विषय पर विशेष बल दिया जाएगा। नेशनल अचीवमेंट सर्वे एससीईआरटी सोलन के स्टेट को-आर्डिनेटर शिव कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 1951 स्कूलों में नेशनल अचीवमेंट सर्वे गत वर्ष करवाया गया था। इसके रिजल्ट के आधार पर कक्षावार सीखने के परिणाम का पता लगाया गया।

क्या है नेशनल अचीवमेंट सर्वे

नेशनल अचीवमेंट सर्वे में तीन कक्षाओं को शामिल किया गया है। इसमें कक्षा तीसरी व पांचवीं कक्षा के लिए तीन विषयों का चयन किया गया था। इन कक्षाओं के बच्चों को भाषा के अलावा गणित और पर्यावरण विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे गए। कक्षा आठ के बच्चों को चार विषय गणित, पर्यावरण विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसमें शिमला, कांगड़ा व मंडी जिला के बच्चों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा, जबकि सिरमौर जिला फिसड्डी रहा।

सिलेबस-एग्जाम पैटर्न पर चर्चा

शिमला — हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने रूसा में वार्षिक प्रणाली में बदलाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को भी सिलेबस और परीक्षा पैटर्न को किस तरह से तैयार किया जाना चाहिए, इसे लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य राजिंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के सभी संकाय के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों के साथ हुई। बैठक में कुलपति ने निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में सत्र 2018-19 में वार्षिक प्रणाली से आरंभ होने वाली प्रवेश प्रक्रिया से पूर्व बीए, बीएसी, बी-कॉम प्रथम वर्ष का पाठ्यक्रम जल्द तैयार किया जाए। एक सप्ताह के भीतर विभागाध्यक्ष बोर्ड ऑफ  स्टडीज की बैठक सुनिश्चित करें, ताकि पाठ्यक्रम तैयार किया जा सके और राज्य सरकार के निर्देशानुसार महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो सके।

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