प्रदेश में पशुपालकों को नहीं मिली एंबुलेट्री वैन
शिमला — प्रदेश के पशुपालकों को उनके घरद्वार पर पशुओं के इलाज की सुविधा देने की योजना विभाग की ओर से तैयार की गई थी। योजना तो विभाग ने बना दी, लेकिन इसे सिरे चढ़ाने की प्रक्रिया अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई है। विभाग की ओर से यह सुविधा पशुपालकों को प्रदेश में एंबुलेट्री सर्विसेज एट डोर स्टेप ऑफ फार्मर्ज योजना के तहत दी जानी है, लेकिन अभी तक योजना के तहत एंबुलेट्री वैन ही विभाग नहीं खरीद सका है। विभाग को इस योजना के लिए बजट भी केंद्र की ओर से मंजूर किए हुए काफी लंबा समय बीत चुका है, तब भी कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इन एंबुलेट्री वैन के माध्यम से प्रदेश में पशुपालकों को अब अपने घरद्वार पर ही पशुओं का उपचार करवाने की सुविधा मिलनी है। पशुपालन विभाग ने 108 एंबुलेंस की तर्ज पर ही पशुपालकों के लिए भी उनके घर तक एंबुलेंस सेवा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस योजना के लिए लाखों का बजट विभाग को दिया है। योजना के तहत मिली राशि से विभाग ने प्रदेश के तीन जिलों के लिए एंबुलेट्री वैन खरीदने का प्रस्ताव भी तैयार कर दिया था, लेकिन अभी तक एक भी जिला इस सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। वहीं इस सेवा का लाभ उठाने के लिए किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में या पशु की गंभीर बीमारी में पशुपालक कॉल सेंटर में कॉल कर एंबुलेंस सुविधा के लिए बात कर सकेंगे। कॉल सेंटर पर फोन आने के बाद संबंधित क्षेत्र में तैनात एंबुलेट्री सुविधा को वैटरिनरी आफिसर और फार्मासिस्ट के साथ पशुपालक के घर इलाज सुविधा के लिए भेजा जाएगा। यह एंबुलेंस वैन आधुनिक उपकरणों से लैस होगी।
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