प्रशासनिक तंत्र में दफन स्वच्छता के दावे

ऊना —संपूर्ण स्वच्छता के दावे ऊना के प्रशासनिक तंत्र में ही दफन होकर रह गए हैं। बजट के अभाव में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग अपने फील्ड में स्थापित अधिकतर नलकूपों में शौचालयों तक का निर्माण नहीं कर पाया है। जिसके चलते इस मुहिम को सरकारी स्तर पर करारा झटका लगा है। फील्ड में तैनात स्टाफ कर्मचारियों ने स्वच्छता अभियान का हवाला देते हुए मामले को कर्मचारी संगठन के समक्ष उठाया है। जिला ऊना में जहां हर घर में शौचायल बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं सरकारी महकमे सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकतर नलकूपों में कर्मचारियों के लिए शौचायल नहीं बनाए गए हैं। जिसके चलते स्वच्छता के तमाम दावे धरातल पर खोखले नजर आ रहे हैं। जिला ऊना में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के 522 सिंचाई नलकूप बने हुए हैं। इन नलकूपों को बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों की राशि खर्च की है। लेकिन इन नलकूपों में शौचालय बनाने के लिए कोई कसरत नहीं की है और न ही बजट का प्रावधान करवाया है। वहीं जिला में 207 नलकूप पेयजल योजनाओं की सप्लाई के लिए बनाए गए हैं। इन नलकूपों में भी शौचालयों की कमी है। जिसके चलते फील्ड में तैनात इन कर्मचारियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संपूर्ण स्वच्छता के अभियान का हवाला देते हुए भी फील्ड में कर्मचारियों ने नलकूपों में शौचालयों न होने का मामला हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ऊना के समक्ष भी उठाया है। जिसमें सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के नलकूपों में तैनात कर्मचारियों की सुविधा के लिए शौचालय न होने की बात कही गई है।

सरकार की मुहिम को लग रहा झटका

बेशक संपूर्ण स्वच्छता अभियान आम लोगों को जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा है। लेकिन ऊना में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिक्तर नलकूपों में शौचालयों की व्यवस्था न होना सरकार की इस मुहिम को झटका दे रहा है। हालांकि शौचालय न बनने की वजह बजट का न होना बताया जा रहा है।