बिना गाड़ी कैसे उठेगा बस स्टैंड का कचरा

 हमीरपुर —एचआरटीसी व नगर पंचायत भोटा के बीच बस स्टैंड के शौचालयों के पास पड़े कचरे को उठाने के लिए चल रही खींचतान में एक अनोखी बात सामने आई है। नगर पंचायत के पास अपनी गाड़ी तक नहीं है। नगर पंचायत के वार्डों को कूड़ा भी रेहड़ी में भरकर डंपिंग साइट तक पहुंचाया जाता है। ऐसे में बस स्टैंड के शौचालयों के पास पड़ा टनों के हिसाब से कचरा उठाना नपं के लिए भी संभव नहीं है। वहीं एचआरटीसी से प्रतिमाह 24 हजार रुपए की डिमांड की गई है। हालांकि निगम की मानें तो हमीरपुर व जाहू बस स्टैंड में सफाई व्यवस्था के लिए मात्र 3300 रुपए मासिक दिया जा रहा है। इस हिसाब से यह राशि बहुत अधिक है। अब जब तक नपं की गाड़ी नहीं आती, हालात सामान्य नहीं हो पाएंगे।  नगर पंचायत की मानें तो दो महीने के भीतर कचरा उठाने के लिए गाड़ी पहुंच जाएगी। इसके लिए नपं ने तैयारी कर ली है। गाड़ी मिलने के बाद भोटा बस स्टैंड का कचरा भी डंपिंग साइट तक पहुंचा दिया जाएगा। फिलहाल वर्तमान में भोटा बस स्टैंड के हाल बेहाल हैं। इनकी स्थिति सुधारने के लिए कूड़ेदान की व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है। जाहिर है कि भोटा बस अड्डा एचआरटीसी के अधीन है। यहां पर निगम ने अड्डा की सफाई के लिए दो कर्मचारी भी तैनात किए हैं। ये कर्मचारी सिर्फ अड्डा की ही सफाई करते हैं। अड्डा से निकलने वाले कूड़े को ये डंपिंग साइट तक ले जाते हैं। यहां कूड़ेदान की व्यवस्था न होने के कारण दुकानदार अपनी दुकानों की गंदगी सुलभ शौचालयों के पास फेंक रहे हैं। ऐसे में अब यहां हालात बद से बदतर हो गए हैं। गंदगी के ढेर लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सफाई करने वाला कोई नहीं। टनों के हिसाब से पड़ी गंदगी से शौचालयों का रास्ता तक बंद हो गया है। वहीं लोग इन शौचालयों में जाना तक पसंद नहीं कर रहे। ऐसे में शौचालय के बाहर लोग शौचनिवृत्त हो जाते हैं। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन को भोटा में जबरदस्त धक्का लगा है।  यहां की सफाई का जिम्मा एचआरटीसी नगर पंचायत के सिर मढ़ रहा है। वहीं नगर पंचायत यहां सफाई करके कूड़ा डंपिंग साइट तक पहुंचाने के लिए बजट के प्रावधान की बात कह रहा है। निगम ने दो मई 2018 को नगर पंचायत से आग्रह किया था कि बस स्टैंड परिसर में कूड़ेदान स्थापित किया जाए। इस पर नगर पंचायत ने कूड़ादान स्थापित करने के लिए एचआरटीसी से स्थान चिन्हित करने के लिए कहा है। वहीं अब कूड़ा उठाने के लिए 24 हजार रुपए मासिक एचआरटीसी से मांगे गए हैं। इसका एस्टीमेट बनाकर निगम को भेजा गया है।

अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर-  निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!