भवन बनाया क्यों, पता नहीं

बड़सर  – सरकारी भूमि पर 12 साल पहले निर्माणाधीन भवन को आज दिन तक अपना वारिस नहीं मिल पाया है। इतना समय बीत जाने के बावजूद न तो प्लास्टर करवाया गया और न ही दरवाजे व खिड़कियां लगाई गईं। इसके चलते भवन ने पूर्ण रूप से तैयार होने से पहले ही खंडहर का रूप धारण कर लिया है। यह वाकया राजकीय प्राथमिक पाठशाला नारा के प्रांगण में बनाए गए भवन का है। हैरान करने वाली बात है कि स्कूल की भूमि पर बनाए गए इस भवन की न ही आज दिन तक स्कूल प्रबंधन और न ही स्थानीय पंचायत को यह जानकारी है कि इस भवन का निर्माण किस निधि से करवाया गया है और किस उद्देश्य से बनाया गया है। यह बात आम जनमानस में चर्चा का  विषय बनी हुई है। कायदे के अनुसार सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण करने से पहले दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूर्ण करने के उपरांत ही निर्माण किया जा सकता है, लेकिन स्कूल परिसर में बनाए गए इस भवन की  स्कूल प्रबंधन को भी कोई जानकारी न होना, कहीं न कहीं प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। स्कूल में तैनात समस्त स्टाफ को यहां तक जानकारी नहीं है कि इस भवन का निर्माण किसने करवाया है और किस उद्देश्य से किया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि स्कूल परिसर में बनाए गए इस भवन का निर्माण स्थानीय पंचायत द्वारा 2006 में करीब एक लाख रुपए की लागत से करवाया गया है, लेकिन इस भवन के निर्माण कार्य को आज दिन तक पूरा नहीं करवाया गया है। यह बात समझ से परे हैं। इसके निर्माण में यदि धन का अभाव भी हुआ होगा, तो ऐसे में 12 सालों तक पंचायत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रतिनिधियों ने क्यों इसके लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान जुटाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। इस संदर्भ में खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी राज कुमार का कहना है कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। दस्तावेजों की जांच उपरांत ही कुछ बता पाउंगा। पंचायत प्रधान लीला शर्मा का कहना है कि इस भवन का निर्माण कार्य मेरे कार्यकाल से काफी वर्ष पहले हुआ है। इसके बारे मेें तत्कालीन प्रधान यह सचिव ही कुछ बता सकते हैं।

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