मनरेगा मजदूरों को बांटे लैप्स चेक

धर्मपुर में सामने आई श्रमिक कल्याण बोर्ड की बड़ी लापरवाही, बैंक लेने से मुकरा

मंडी, धर्मपुर — मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से बांटी जाने वाली सुविधाओं व सहायता को लेकर किस तरह से राजनीति व लापरवाही बरती जा रही है, इसका ताजा मामला मुख्यमंत्री के जिला धर्मपुर विधानसभा  से सामने आया है। धर्मपुर विधानसभा  में पहले जहां मनरेगा मजदूरों को वाशिंग मशीन व अन्य सामग्री सहित सहायता राशि बांटने के लिए कई महीनों के इंतजार करवाया गया और लोगों को विरोध प्रदर्शन तक करना पड़ा। वहीं अब धर्मपुर में दर्जनों मनरेगा मजदूरों को लैप्स हो चुके चेक ही आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के हाथों बंटवा दिए गए हैं। दर्जनों लोग जब सहायता राशि के चेक लेकर बैंक पहुंचे तो बैंकों ने चेक लेने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि दर्जनों मनरेगा मजदूरों को बांटे गए चेक 12 से 20 मार्च के बीच काटे गए हैं, जबकि  इनका आबंटन अब तीन महीने बाद करवाया गया। नियमों अनुसार किसी भी चेक का भुगतान बैंक तीन महीने पूरे होने बाद नहीं करते हैं, लेकिन धर्मपुर में इस तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, जिसका खामियाजा अब दर्जनों मनरेगा मजदूरों को सहना पड़ रहा है। वहीं इस मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह, मजदूर संगठन सीटू और किसान सभा ने आईपीएच मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पहले तीन महीने तक मजूदरों को वाशिंग मशीन, इंडक्शन हीटर, सोलर लैंप, छात्रवृत्ति और विवाह हेतु आर्थिक सहायता के चेक नहीं दिए गए  और अब जब दिए गए हैं तो उनकी समय सीमा खत्म हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर इन सुविधाओं का आबंटन समय रहते आईपीएच मंत्री करते तो लोगों को यूं परेशान नहीं होना पड़ता। उन्होंने कहा कि 12 मार्च को कटे चेक लैप्स हो चुके हैं। जबकि 20 मार्च के चेक भी बैंक लेने का तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि धर्मपुर में मनरेगा मजदूरों के साथ राजनीति की जा रही है और श्रेय लेने के लिए यह सब किया गया है। उन्होंने श्रमिक कल्याण बोर्ड से मनरेगा मजदूरों को अतिशीघ्र नए चेक जारी करने की मांग की है।