विस्थापितों की पीड़ा पर सब मौन

झंडूता – जिला बिलासपुर में पड़ने वाली गोबिंदसागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए, यह मांग ग्रामीण भाखड़ा विस्थापित संघर्ष समिति ने लगभग दस वर्ष पूर्व रखी थी, लेकिन केंद्र व प्रदेश में सरकारें बदलती रही, परंतु किसी भी सरकार ने इस ऐतिहासिक कार्य में रुचि नहीं दिखाई। जब भाखड़ा बांध का उद्घाटन राष्ट्र प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था तो उस समय उन्होंने गोबिंदसागर से विस्थापित हुए लोगों को भरोसा दिलाया था कि विस्थापितों को इतनी सुविधाएं दी जाएगी कि वह विस्थापित की पीड़ा को भूल जाएंगे, परंतु आज तक किसी भी सरकार ने भाखड़ा से हुए विस्थापितों को किसी भी क्षेत्र में विशेष सुविधा प्रदान नहीं की है। इस बारे में भाखड़ा विस्थापित संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष नंदलाल शर्मा, सचिव चिरंजीलाल शर्मा  व प्रेस सचिव जगतराम शर्मा ने कहा कि लगभग 55 वर्ष बीत जाने के उपरांत फिर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष अपने बिलासपुर चुनावी दौरे के दौरान लुहणू मैदान में अपार भीड़ को संबोधित करते हुए भाखड़ा विस्थापितों का जिक्र किया था कि अगर भाखड़ा विस्थापितों की दशा को सुधारनी है, तो झील गोविंद सागर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना होगा। आज केंद्र में वहीं प्रधानमंत्री है और प्रदेश में भी उन्हीं की सरकार है, परंतु विस्थापितों की बात करने वाली सरकार है अब फिर चुपचाप बैठ गई है। केंद्र में जिला बिलासपुर के निवासी जगत प्रकाश नड्डा स्वास्थ्य मंत्री है, लेकिन विस्थापितों की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। ग्रामीण भाखड़ा विस्थापित संघर्ष समिति केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग की है कि गोबिंदसागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए।

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