संगड़ाह कालेज में छात्रों की पढ़ाई रामभरोसे

 संगड़ाह —राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह में सोमवार से हालांकि दाखिले शुरू हो चुके हैं, मगर यहां कॉमर्स, अंग्रेजी व संगीत आदि विषयों का एक भी प्रवक्ता न होने के चलते छात्रों की पढ़ाई रामभरोसे है। प्रदेश सरकार एक ओर जहां सूबे में नए शिक्षण संस्थान खोल लगातार विकास के दावे करती नहीं थकती। वहीं मौजूदा महाविद्यालयों व पाठशालाओं में स्टाफ न होने से छात्रों का भविष्य खास उज्ज्वल नहीं दिखता। इस कालेज में कॉमर्स, संगीत व अंग्रेजी विषय के दो-दो व गणित के एक पद सहित आठ सहायक प्रोफेसर के पद खाली हैं। महाविद्यालय में गत वर्ष से कॉमर्स का एक भी प्राध्यापक न होने से जहां उक्त संकाय के दाखिले नहीं हुए। वहीं इस साल भी यहां कॉमर्स में एडमिशन लेने पहुंचे छात्र असमंजस में हैं। साइंस व कला संकाय के भी आधा दर्जन पद खाली होने से गत वर्ष की तरह इस बार भी पढ़ाई बाधित रहने की आशंका है। महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार सोमवार को पहले दिन इस बार भी कॉमर्स की एडमिशन लेने एक छात्र पंहुचा, जिसे स्टाफ न होने की जानकारी दे दी है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा हालांकि 23 सितंबर, 2015 को यहां साइंस व कॉमर्स शुरू करने की घोषणा की गई थी, मगर पूर्व प्रदेश सरकार की तरह वर्तमान सरकार ने भी यहां वाणिज्य के प्रवक्ताओं की नियुक्त नहीं की। केंद्रीय छात्र परिषद, विद्यार्थी परिषद, एनएसयूआई व एसएफआई आदि संगठनों से जुड़े छात्रों ने महाविद्यालय में खाली पद न भरने के लिए विभाग व सरकार के प्रति नाराजगी जताई। राजकीय महाविद्यालय संगड़ाह के प्राचार्य डा. दिनेश भारद्वाज ने कहा कि कालेज में खाली पड़े कॉमर्स, अंग्रेजी, गणित व संगीत आदि विषयों के प्रवक्ताओं के पदों को भरे जाने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा जा चुका है। प्राचार्य के अनुसार सोमवार को पहले दिन भी कॉमर्स में दाखिला लेने के लिए एक छात्र पहुंचा, जिसे यहां एक भी प्रवक्ता न होने की जानकारी दी जा चुकी है।