सॉफ्टवेयर अपू्रव करेगा अफसरों के टूअर

हिमाचल सरकार ने मानव संपदा प्रणाली से जोड़े प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे

 शिमला— हिमाचल सरकार के नौकरशाह बिना मंजूरी के टूअर पर नहीं निकल सकेंगे। जयराम सरकार ने प्रशासनिक अफसरों के सरकारी टूअर को मानव संपदा प्रणाली से जोड़ दिया है। इस प्रबंधन प्रणाली के तहत ब्यूरोक्रेट्स के टूअर सॉफ्टवेयर अप्रूव करेगा। प्रवास के बाद टूअर का विस्तारपूर्वक विवरण भरना सॉफ्टवेयर की कड़ी शर्त है। ऐसा न करने पर बड़े से बड़े अधिकारी का भी अगले टूअर का आवेदन मंजूर नहीं होगा। जयराम सरकार ने व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और सचिवालय में अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए सरकारी टूअर मानव संपदा से जोड़ दिए हैं। जाहिर है कि मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली के तहत हिमाचल सरकार ने मानव संपदा वेबपोर्टल शुरू किया है। इसके तहत सरकार अपने अधिकारियों के फील्ड के दौरों और राज्य के बाहर के टूअर्स पर लगातार निगरानी कर सकती है। इसमें अफसरों के विदेशी टूअर्स का भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। हिमाचल सरकार की इस मानव संपदा वेबपोर्टल में हर प्रशासनिक अधिकारी को सरकारी टूअर से पहले आवेदन करना जरूरी है। खास है कि सरकारी टूअर्स का विस्तारपूर्वक विवरण होने पर ही सॉफ्टवेयर आवेदन को मंजूर करेगा। विवरण अधूरा होने पर सॉफ्टवेयर अपने आप ही टूअर के आवेदन को खारिज कर देगा। इस स्थिति में प्रशासनिक अधिकारियों का ऑफिस से बाहर निकलना संभव नहीं होगा। लिहाजा प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने वाले इस प्रावधान के बाद अब सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सरकारी टूअर की अनुमति मानव संपदा के वेबपोर्टल से लेनी पड़ रही है। आवेदन के आधार पर मुख्य सचिव सरकारी टूअर अप्रूव कर रहे हैं। इसके बाद दौरे पर निकले साहबों को अपने टूअर की रिपोर्टिंग मानव सम्पदा के वेबपोर्टल पर ही अपलोड करनी होगी। इस व्यवस्था को नजरअंदाज करने वाले अधिकारी अगले टूअर के बारे में सोचना भूल जाएं। बताते चलें कि हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने सचिवालय का जिम्मा संभालने के बाद आईटी सेक्टर की भरपूर सेवाएं लेना आरंभ की है। इसी कड़ी में जयराम सरकार सचिवालय के प्रशासनिक अफसरों की हाजिरी बायोमीट्रिक से दर्ज करवा रही है। इसकी बाकायदा हर दिन समीक्षा हो रही है।

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