हिमाचल प्रदेश से किनारा करने लगे विदेशी सैलानी

 शिमला —ब्रिटिश हुकूमत की पहली पसंद रहे हिमाचल से विदेशी सैलानी रूठ गए हैं। पिछले एक दशक से विदेशी पर्यटकों की संख्या पांच लाख 15 हजार के आसपास गोते खा रही है। इसके मुकाबले भारतीय पर्यटकों की संख्या देवभूमि में लगातार बढ़ रही है।  अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह का कहना है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या सीमित होना सरकार के लिए चिंताजनक है। उनका कहना है कि हिमाचल आने वाले भारतीय सैलानियों का आंकड़ा हर साल पांच से छह प्रतिशत बढ़ रहा है। उनका कहना है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या का आंकड़ा दस साल पहले के आसपास है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2008 में हिमाचल में चार लाख 92 हजार विदेशी पर्यटक आए थे। बीते साल में विदेशी पर्यटकों की संख्या चार लाख 78 हजार दर्ज हुई है। इन पिछले दस सालों में विदेशी पर्यटकों की अधिकतम संख्या पांच लाख 15 हजार दर्ज की गई है। इसी समय अवधि में कम से कम चार लाख 70 हजार विदेशी मेहमान हिमाचल आए हैं। विदेशी पर्यटकों की हिमाचल के प्रति कम दिलचस्पी पर राज्य सरकार ने गंभीर प्रयास शुरू कर दिए हैं। हालांकि देवभूमि के लिए राहत भरी खबर है कि पहाड़ों के प्रति दक्षिण भारत के मेहमानों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। राज्य के पर्यटन स्थल कुल्लू, मनाली, चंबा, डलहौजी, धर्मशाला, मकलोडगंज और सोलन, शिमला की सैरगाहें भारतीय पर्यटकों की पहली पसंद बन गई हैं। इसके अलावा धार्मिक पर्यटकों का सैलाब भी हिमाचल में लगातार उमड़ रहा है। पर्यटन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में हर साल आ रहे 25 लाख पर्यटकों में 70 फीसदी धार्मिक पर्यटक हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या उत्तर भारत के धार्मिक सैलानियों की है। उत्तर प्रदेश तथा पंजाब के श्रद्धालु देवभूमि की परिक्रमा के लिए सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। इनमें कांगड़ा, चिंतपूर्णी, नयना देवी तथा सिरमौर के बाला सुंदरी के शक्तिपीठ उत्तर भारत के श्रद्धालुओं की पहली पसंद है। हमीरपुर जिला स्थित सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ भी धार्मिक श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। दियोटसिद्ध में पंजाब के श्रद्धालुओं के बाद एनआरआई अधिक संख्या में शीश नवाने आते हैं।

नए पर्यटन स्थल होंगे विकसित

हिमाचल की सैरगाहों से विदेशी पर्यटकों को खींचने के लिए राज्य सरकार हेलि टैक्सी सेवा आरंभ कर रही है। विदेशी पर्यटक हिमाचल के पर्यटन स्थलों से ऊब चुके हैं। विदेशी सैलानी अब राज्य के अनछुए पर्यटन स्थलों से जुड़ना चाहते हैं। इसके चलते सरकार रोहतांग, त्रियुंड, लाका, शिकारी देवी, मलाणा, भरमाणी और जालसू जोत सरीखे पर्यटन स्थलों को विकसित कर विदेशी सैलानियों को आकर्षित करेगी।

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