हिमाचल में आज से गांव बंद

10 दिन तक छुट्टी पर रहेंगे किसान, शहर में नहीं भेजेंगे दूध-सब्जी-फल 

शिमला—हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार से गांव बंद रहेंगे। राज्य भर के किसान 10 दिन तक अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान किसान गांव से दूध, सब्जी, फल व अन्य जरूरी खाद्य वस्तुएं शहर में नहीं भेजेंगे। यह निर्णय किसान एकता मंच के आह्वान पर लिया गया है, जिसमें 172 संगठन समर्थन दे रहे हैं। देश सहित प्रदेश में किसानों को  बचाने के लिए पहली  से 10 जून तक किसान शांति पूर्व प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान न कोई रोड जाम, न कोई तोड़फोड़ और न ही कोई परेशान होगा। बल्कि किसान 10 दिन की छुट्टी कर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। इस दौरान किसान न तो गांव से शहर में कुछ बेचेंगे और न ही वे शहर से कुछ खरीदेंगे। प्रदेश में फल, सब्जी एवं फूल उत्पादक संघ भी सहयोग कर रहा है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि प्रदेश में भी इस बंद का पूर्ण समर्थन किया जाएगा। पहली से 10 जून तक प्रदेश के किसान भी गांव बंद रखकर इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे और शांति पूर्ण तरीके से अपनी मांग उठाएंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान गांव का किसान दूध, सब्जी, फल व अन्य जरूरी उत्पादित वस्तुएं शहर में नहीं भेजेंगे। उन्होंने बताया कि यह निर्णय दो मई को किसान भवन चंडीगढ़ में किसान एकता मंच के आह्वान पर लिया गया जिसमें देश के 172 संगठनों ने बैठक में निर्णय लिया गया था।इन दस दिनों में किसान शहर को सब्जी, दूध नहीं भेजेंगे। दूध को पनीर व घी बनाकर घर पर ही उपयोग करेंगे। किसानों को आने वाली विभिन्न समस्याओं का आपस में गांव में बैठकर चिंतन  व एक-दूसरे के सहयोग करने बारे विचार-विमर्श करेंगे।

किसानों की मांगें

* किसान की सुनिश्चित न्यूनतम आय 18000 रुपए प्रतिमाह हो

* किसानों का कर्ज माफ हो

* स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं

* कृषि आयात-निर्यात नीति में देश के किसानों के हितों की रक्षा की जाए और किसान प्रतिनिधियों की भागीदारी की जाए

* दूध का मूल्य किसानों को कम से कम 65 रुपए मिले

* सभी सब्जियों का न्यूनतम मूल्य लागू हो, जो लागत से डेढ़ गुना हो

* सेब को विशेष उत्पाद घोषित किया जाए

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