होटलों से किनारा, टैंट में गुजार रहे रात

केलांग —समर सीजन में लाहुल पहुंचने वाले सैलानी यहां पर कैंपिंग करने का लुत्फ उठा रहे हैं। स्थानीय युवाओं ने लाहुल के विभिन्न स्थलों पर कैंप लगा इन दिनों सैलानियों को कैंपिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई है। ऐसे में लाहुल पहुंच रहे देश-विदेश के सैलानी होटलों के कमरों की जगह यहां की कैंपिंग साइट पर रात बिताने को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। ऐसे में लाहुल का कैंपिंग कारोबार इन दिनों काफी चर्चा में है। युवाओं का कहना है कि मात्र दो से तीन माह तक चलने वाले सीजन में उन्हें पूरी उम्मीद है कि इस बार सैलानियों को लाहुल के क्षेत्र में कैंपिंग काफी पसंद आएगी।  रोजगार की आस लेकर युवाओं ने बैंकों से लोन लेकर इस क्षेत्र में लाखों रुपए का निवेश किया है। पल्लहा ईको टूरिज्म कैंप के संचालक राजेंद्र राणा ने बताया कि टनल खुलने के बाद लाहुल घाटी में पर्यटन कारोबार बढ़ने की संभावना है। इसी उम्मीद के साथ घाटी के सैकड़ों युवाओं ने पर्यटन को रोजगार का विकल्प बनाया है। पर्यटन कारोबारी नवांग, दोरजे, अमर जीत, अमरनाथ, शरब ने बताया कि रोहतांग में बर्फ पिघलने के बाद सैलानी बारालाचा दर्रा का रुख कर रहे हैं, जिससे घाटी के पर्यटन कारोबार को गति मिल रही है। कृषि, आईटी एवं जनजातीय विकास मंत्री डाक्टर रामलाल मार्कंडेय ने कहा कि लाहुल-स्पीति में पर्यटन की अपार संभवना है। यहां की वादियां, परंपराएं, बोध मठ, मंदिर, ट्रैक रूट और शुद्ध हवा और पानी सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं।