आईसीएआर की ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा ‘फेल’

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का एंट्रेस टेस्ट रद्द, देश भर के छात्रों ने दी थी परीक्षा

पालमपुर— भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा पहली बार ऑनलाइन आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा फेल हो गई है। आईसीएआर को जून माह के दूसरे पखवाड़े में आयोजित की गई प्रवेश परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। जानकारी के अनुसार ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा को लेकर अनेक विद्यार्थियों द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायतों के चलते यह निर्णय लिया गया है। आईसीएआर की आफिशियल साइट पर इस संबंध में जानकारी दी गई है। आईसीएआर ने देश के विभिन्न संस्थानों में 2018 के प्रवेश के लिए 22 व 23 जून को परीक्षा का आयोजन किया था। अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा में 22 जून को स्नातकोत्तर व पीएचडी और 23 जून को स्नातक विषयों में प्रवेश के इच्छुक परीक्षार्थी बैठे थे। पहली बार ऑनलाइन परीक्षा में प्रदेश के अधिकतर छात्रों ने जालंधर स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान में परीक्षा दी थी। आईसीएआर द्वारा पहले प्रवेश परीक्षा का परिणाम जून के अंतिम माह में घोषित करने की बात कही गई थी। कुछ दिन पहले संस्थान द्वारा अपनी साइट पर जारी की गई सूचना में प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए परिणाम में देरी की बात कही गई थी। वहीं, अब ताजा सूचना ने सैकड़ों विद्यार्थियों को असमंजस में डाल दिया है। जानकारी के अनुसार दक्षिण भारत के परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन आयोजित परीक्षा में कमियों को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। संस्थान की ओर से डिप्टी सेक्रेटरी वीके शर्मा के आफिस आर्डर में कहा गया है कि परीक्षा का आयोजन दोबारा किया जाएगा, जिसकी जानकारी आने वाले दिनों में उपलब्ध करवाई जाएगी। एआईईईए की परीक्षा के माध्यम से कृषि व संबंधित शिक्षण संस्थानों में मैरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। गौर रहे कि पालमपुर स्थित प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में भी इसी परीक्षा के आधार पर बीएससी एग्रीकल्चर ऑनर्स में इस साल 19 सीटें भरी जानी हैं।

कृषि विश्वविद्यालय ने भी रखा था पक्ष

आईसीएआर द्वारा पहली बार ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के आयोजन का प्रयास कसौटी पर खरा नहीं उतरा। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने बताया कि परीक्षार्थियों की शिकायतों के बाद पालमपुर स्थित प्रदेश कृषि विश्वविद्यालयों की ओर से भी इस संदर्भ में आईसीएआर के समक्ष अपना पक्ष रखा गया था। छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा में कमियों की बात कही थी।