आसमानी कहर बनकर बरसी बरसात  

 ऊना —ऊना जिला में बरसात के मौसम ने अपना कहर खूब बरपाया है। बरसात के मौसम में ऊना जिला को अब तक साढ़े 20 करोड़ की चपत लग चुकी है। यही नहीं बरसात इस बार 11 लोगों की जानें भी लील गई है। जिला में जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं, इसमें केवल मात्र एक एक व्यक्ति को मवेशी के नुकसान पर फौरी राहत मिल पाई है। बरसात ने जहां फसलों, मकानों, सड़कों के अलावा जानी नुकसान भी पहुंचाया है। वहीं, अभी भी बरसात का मौसम अपना कहर बरपा जा सकता है। बरसात के मौसम में अभी तक कई दिन शेष है। इसके चलते लोगों को भी सावधानी बरतनी होगी। करीब एक माह से जिला में बरसात अपना कहर बरपा रही है। बरसात के मौसम में जिला में तो जलभराव की भी स्थिति कई जगह बनी रहती है। एक तरह से आम जन जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो जाता है।  बरसात के मौसम में आठ लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, तीन लोग बरसाती मौसम को शिकार बने हैं। इसके अलावा 15 लोग सड़क हादसों में घायल हुए हैं। वहीं, बरसात के मौसम में मवेशियों का 25 हजार, फसलों को दस हजार का नुकसान हुआ है। तीन पक्के मकानों को चार लाख 15 हजार, छह कच्चे मकानों को तीन लाख 95 हजार, एक दुकान को दो लाख, पांच गोशालाओं को अढ़ाई लाख का नुकसान हुआ है। वहीं, लोक निर्माण विभाग को आठ करोड़ पांच लाख 63 हजार, स्वां रिवर फ्लड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट सर्किल ऊना के तहत हरोली फ्लड प्रोटेक्शन डिवीजन को पांच करोड़ 55 लाख, फ्लड प्रोटेक्शन डिवीजन गगरेट में छह करोड़ 11 लाख का भारी भरकम नुकसान हुआ है। वहीं, विद्युत बोर्ड को 14 लाख 11 हजार 500 रुपये, नगर पंचायत गगरेट को अढाई लाख, नगर पंचायत दौलतपुर चौक को 26 लाख 50 हजार, बारिश के पानी से 18 पटवार खाना को 15 लाख,आग की घटनाओं में 10 लाख आठ हजार का नुकसान हुआ है।

प्रशासन नहीं उठा रहा उचित कदम

एक ओर जहां बरसात का मौसम चरम सीमा पर है। वहीं, अभी भी स्वां नदी किनारे प्रवासी लोग अपना डेरा जमाए हुए हैं। नियमों ने अनजान इन लोगों को यहां से हटाने के लिए प्रशासन की ओर से भी कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं, यदि स्वां नदी में जब बारिश होने पर तेज बहाव होता है,तो यह प्रवासी लोग तो जान जोखिम में डालकर लकडि़यां पकड़ते हैं। इसके चलते प्रशासन को इस ओर उचित कदम उठाने चाहिए।