ऊना में ट्रकों के थमे पहियों से चढ़े रेट

ऊना – ट्रक आपरेटरों की राष्ट्र व्यापी हड़ताल से अब आम जनजीवन भी प्रभावित होने लगा है। ट्रक आपरेटरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी रही। ऊना जिला में भी आपरेटरों की हड़ताल का असर अब देखने को मिल रहा है। अब तो सब्जियां महंगे दामों पर बिकना शुरू हो गई हैं। वहीं, उद्योग भी पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। उद्योगों में मैन्युफेक्चिरिंग हो रही है, लेकिन ट्रकों की हड़ताल के चलते उद्योगों में इनके उत्पाद पड़े हुए हैं। इसके चलते अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। सरकार की ओर से इस हड़ताल को खत्म करवाने को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऊना जिला के अंतर्गत ऊना ट्रक यूनियन, अंब, मैहतपुर, गगरेट, संतोषगढ़, टाहलीवाल सहित अन्य यूनियनों के जिला भर में करीब पांच हजार ट्रकों के पहिए लगातार थमे हुए हैं। इतने दिनों की हड़ताल के चलते अब इन आपरेटरों को अपने ट्रकों की किश्तें देना भी मुश्किल भरा होगा। ऑपरेटरों द्वारा यूनियन ग्राउंड में ट्रक खड़े कर दिए गए हैं। एक तरह से वर्तमान में करोड़ों रुपए के यह वाहन भी शोपीस बनकर रह गए हैं। हालांकि सरकार आपरेटरों की मांगों को लेकर भलिभांति अवगत हैं, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार आपरेटरों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। ऊना ट्रक यूनियन के प्रधान अविनाश मेनन, चेयरमैन सुरजीत सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा उनके हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हड़ताल चले हुए आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से आपरेटरों की मांगों को लेकर कोई भी उचित कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र व्यापी हड़ताल के चलते ऊना ट्रक यूनियन भी हड़ताल पर हैं। सरकार की अनदेखी के चलते उन्हें परेशानी भी झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल के चलते उन्हें तो ट्रकों की किश्तें देना भी मुश्किल भरा होगा। इसके अलावा इंश्योरेंस जो चार पहले 15 हजार की होती थी। अब करीब 40 हजार तक पहुंच गई है। आपरेटरों को इस माह ट्रकों की किश्तें देना भी मुश्किल हो जाएगा। आपरेटरों को जगह-जगह टैक्स अदायगी करनी पड़ती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस ओर उचित कदम उठाए जाएं। अन्यथा आपरेटरों का आंदोलन उग्र रूप धारण कर लेगा।