कच्चा तेल होगा सस्ता

अमरीका-चीन ट्रेड वार, ईरान से आयात में कटौती का भारत को फायदा

नई दिल्ली— चीन और अमरीका में ट्रेड वार के बीच ईरान से कच्चे तेल के आयात में कटौती करने का भारत को पूरा फायदा मिलने के आसार है। आलम यह है कि ईरान पर प्रतिबंध लागू होने से पहले अमरीका से भारत की कच्चे तेल की खरीद रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। जून में अमरीका से कच्चे तेल का आयात रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई तक अमरीका के प्रडयूर्स और ट्रेडर्स 15 मिलियन बैरल कू्रड आयल भारत भेजेंगे, जबकि 2017 में यह आंकड़ा महज आठ मिलियन बैरल ही था। यदि अमरीका से आने वाले सामान पर चीन ने टैरिफ में इजाफा किया, तो फिर भारत की ओर से अमरीकी कच्चे तेल का आयात बढ़ सकता है। चीन के टैरिफ के चलते भारत को फायदा होगा, क्योंकि अमरीका को कीमतें घटानी पड़ सकती हैं। इंडियन ऑयल कारपोरेशन में फाइनांस हैड एके शर्मा ने कहा कि अमरीकी कू्रड की मांग में इसलिए इलाफा हुआ है, क्योंकि उसकी कीमत कम है। यदि चीन की ओर से अमरीकी तेल के आयात में कमी की जाती है तो यह गिरावट और बढ़ सकती है। ऐसा होता है तो भारत की ओर से क्रूड के इंपोर्ट में और इजाफा होगा। बता दें कि अमरीका ने अपने सभी सहयोगी देशों को कहा है कि वे नवंबर तक ईरान से अपना कच्चा तेल आयात बंद कर दें। भारत ने भी अमरीका की नसीहत मानते हुए ईरान से कच्चे तेल के आयात में कटौती शुरू कर दी है और इस कटौती की भरपाई वह अमरीका से आयातित कच्चे तेल के माध्यम से पूरा कर रहा है। वेनेजुएला से भी भारत ने कच्चे तेल का आयात कम कर दिया है। अमरीकी प्रतिबंध, अपर्याप्त निवेश और कुप्रबंधन के कारण इस साल की पहली छमाही में वेनेजुएला से आयातित कच्चे तेल में 21 फीसदी की कमी आई है। अमरीका इस बीच कच्चे तेल का बहुत बड़ा निर्यातक देश बन गया है। उसने गत अप्रैल में 17.6 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का निर्यात किया।

इंपोर्ट घटाने पर कांग्रेस ने मांगा जवाब

नई दिल्ली — कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमरीका के दबाव में राष्ट्रहित से समझौता करने का आरोप लगाते हुए उनसे देश को यह बताने की मांग की है कि ईरान से तेल आयात में बड़े पैमाने पर कटौती किन कारणों से की गई है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा कि पेट्रोल और डीजल की आसमान छू रही कीमतों से देश का जनमानस पहले ही त्रस्त है और अब ईरान से बड़े पैमाने पर तेल आयात में कटौती करके आम आदमी को लूटने की तैयारी है।