कमरे बुक, गैलरी में हो रहा इलाज

कुल्लू  —तीन जिलों को बेहतर सुविधा देने का वादा करने वाले सरकारी अस्पताल में करोड़ों की लागत से भवनों का निर्माण किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो सौ बिस्तर वाले अस्पताल को तीन सौ तक कर दिया गया है, लेकिन अभी तक अस्पताल में उपचार करवाने वाले मरीजों को यहां गैलरी में ही उपचार करवाना पड़ता है। हालांकि पहले बिस्तरों की संख्या कम होने के चलते कई बार इस बात को प्रदेश व केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा। जहां से अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के बाद भी अभी तक मरीजों को खासतौर पर महिलाएं गैलरी में उपचार करवाने को मजबूर हैं। यहां गर्भवतियों का भी उपचार गैलरी में ही होता है। जहां पर अन्य लोग भी अपने मरीजों को देखने के लिए आते है। गैलरी में बिस्तर पर लेटी महिलाएं कई बार सहमी व शर्माती हुई रहती हैं।  मरीजों के साथ आए तीमारदारों की मानें तो कमरों में बेड की कमी होने पर खासतौर पर गर्मियों के समय में महिलाओं को उपचार के लिए काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। कमरों के भीतर बेड न मिलने पर उन्हें बाहर निजी मेडिकल स्टोर या फिर घर से अपने बेड लेकर आना पड़ता है। महिलाओं का इलाज गैलरी में ही चलता है। जहां पर उनके साथ आए तीमारदारों को भी काफी अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है। गैलरी में अनेक सुविधाओं की कमी के चलते मरीज को भी काफी अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। सरकार को चाहिए कि खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल में बेहतर सुविधा मिल,  ताकि शिशु को जन्म देने के समय अच्छा वातावरण उसके आसपास हो। यहां अधिकतर बीमार व गर्भवती महिलाएं अस्पताल में आने के बाद यहां असुविधा के चलते भी अधिक बीमार पड़ जाती हैं। इन दिनों अस्पताल में अधिकतर महिलाओं का उपचार गैलरी में ही चल रहा है। हालांकि इन दिनों मौसम भी काफी गर्म है। ऐसे में अस्पताल में महिलाओं सहित अन्य मरीजों की संख्या भी काफी कम है, फिर भी दिक्कत पेश आ रही है।  वहीं पिछले कई महीनों से महिलाएं स्त्री रोग विशेषज्ञ के न होने से परेशान हैं, उस पर अस्पताल के भीतर भी उन्हें कई तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। महिलाओं ने प्रदेश की जय राम ठाकुर सरकार से आग्रह किया है कि महिलाओं के लिए अस्पताल में बेहतर सुविधा का प्रबंध किया जाए। खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी प्रसव के दौरान न झेलनी पड़ी। महिलाओं के लिए अस्पताल में बिस्तरों की सुविधा कमरों के अंदर ही होनी चाहिए, ताकि किसी भी महिला को कमरे के अंदर सुविधा मिलने से गैलरी में अपना उपचार न करवाना पड़े।