कर्मचारी महासंघ… अपनी डफली, अपना राग

शिमला— संवैधानिक तरीके से चुनाव न होने के चलते वर्तमान में कर्मचारी महासंघ के कई गुट काम कर रहे हैं। ऐसे में सरकार के सामने भी यह सवाल है कि असली महासंघ कौन सा है, वहीं आम कर्मचारी भी इसको लेकर भ्रमित हैं। वहीं मामला हाई कोर्ट में होने के चलते कर्मचारियों को सरकार के जवाब और अदालत के फैसले का इंतजार है। बता दें कि कभी महासंघ एक होता था, जिसकी तूती भी बोलती थी, मगर राजनीति में पड़कर कर्मचारी महासंघ का अस्तित्व ही खतरे में पड़ चुका है। यही वजह है कि सरकार को सत्ता में आए छह महीने सत्ता में होने को हैं, परंतु अभी तक मान्यता के नाम पर किसी को महासंघ को नहीं बुलाया गया है। पूर्व सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संगठन अभी तक काम कर रहा है। उसके अलावा भी कई गुट तैयार हैं और वे भी अपने-अपने चुनाव करवा रहे हैं। अब यह मामला हाई कोर्ट में पहुंच चुका है, जहां से सरकार से जवाब मांगा गया है और पूछा गया है कि संवैधानिक  तरीके से महासंघ का गठन हो सकता है या नहीं। यदि सरकार चाहे तो अपनी एजेंसियों के माध्यम से चुनाव करवा सकती है। इसके लिए एक विकल्प राज्य चुनाव आयोग का भी है, जो कि पंचायतों व नगर निकायों का चुनाव करवाता है। उसके हाथ यदि कर्मचारी महासंघ के चुनाव का जिम्मा भी सौंपा जाए तो पूरी तरह से पारदर्शिता रहेगी और एक महासंघ का गठन हो सकता है। हालांकि फैसला हाई कोर्ट को लेना है, लेकिन अदालत भी चाहती है कि यदि महासंघ का चुनाव संवैधानिक तरीके से हो, तो ही यह कर्मचारी वर्ग के लिए बेहतर होगा। कर्मचारी इस समय पूरी तरह से बंटे हुए हैं। किसी को यह पता नहीं है कि आखिर असली महासंघ कौन सा है और वे किसके पास जाकर फरियाद लगाएं। फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को इस मामले में सरकार के जवाब और अदालत के फैसले का इंतजार है।

कर्मचारी संघ शिमला के चुनाव तो हो चुके…

शिमला – अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शिमला के चुनाव करवाने की घोषणा से कई कर्मचारी नेता नाराज हैं। शिमला के अध्यक्ष गोपाल झिल्टा व महासचिव विनोद शर्मा ने कहा है कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शिमला के चुनाव 28 मई को जिला के समस्त खंड इकाईयों के चुनावों के उपरांत शिमला स्थित कालीबाड़ी हाल में संपन्न हो चुके हैं। इसमें शिमला जिला के अंतर्गत आने वाले सभी खंडों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भाग लिया था और जिला कार्यकारिणी में सभी खंडों व विभागों के प्रतिनिधियों को प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि अब जिला शिमला के चुनाव करवाने की घोषणा समझ से परे है। गौरतलब है कि यह घोषणा तदर्थ कमेटी ने की है। जिला अध्यक्ष गोपाल झिल्टा ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में मान्यता प्राप्त महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर ने अपना कार्यकाल पूर्ण होने के उपरांत 12 सितंबर, 2015 को शिमला में प्रदेश महासंघ के चुनाव राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के महामंत्री विपन डोगरा की अध्यक्षता में करवाए थे। इसमें प्रदेश के सभी जिलों व विभागों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया था और उसमें सुरेंद्र ठाकुर को आम सभा ने पुनः आगामी कार्यकाल के अध्यक्ष चुना था।